कोण्डागांव
कब मिलेगा न्याय, क्षेत्र में नकली नोट का चलन तेज
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
केशकाल, 8 नवंबर। इन दिनों केशकाल क्षेत्र में जाली नोट का चलन बड़ी तेजी से फैल रहा है और कोंडागांव जिला के सभी क्षेत्र में जाली नोट फैल चुका है। केशकाल अनुविभाग अंतर्गत ग्राम बिंझे के कुछ ग्रामीणों के पास 5 सौ का जाली नोट पाया गया है।
‘छत्तीसगढ़’ में समाचार प्रकाशित होने के बाद ग्रामीणों के द्वारा ईरागांव थाना में पहुच कर लिखित शिकायत कर 500 रुपए का जाली नोटों को जमा कर दिया गया। जिसके बाद से पुलिस विभाग में हडक़म्प मच गया है और कोंडागांव पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल द्वारा मामले की जांच हेतु टीम गठित कर जाँच करने निर्देशित कर दिया गया है ।
5 नवम्बर को जब पत्रकारों को ग्राम बिंझे में कुछ ग्रामीणों के पास 5 सौ का जाली नोट होने की सूचना मिली थी, तब पत्रकारों की टीम मौके पर पहुंच कर ग्रामवासियों से चर्चा कर इस संबंध में जानकारी लिया था।
उसी दौरान ग्राम बिंझे का आदिवासी किसान धनीराम भी 500 का एक नोट लेकर पत्रकारों के पास पहुंचा और उसने एक 500/का नोट दिखाते हुए बताया- गांव में जाली नोट आन की खबर सुनते मैं बहुत चिंतित हूं क्योंकि कुछ माह पूर्व मेरे द्वारा एक व्यापारी के पास मक्का बेचा था और उनके द्वारा यह नोट दिया गया था और नोट के साथ इस नोट को लेकर ग्रामीण बैंक गया था तो बैंक में इस एक नोट को निकालकर इसमें लाल कलर के पेन से दोनों तरफ बड़ी बड़ी लकीर खींचकर कैंसल लिखकर नोट नहीं चलेगा कहकर मुझे लौटा दिया था।
इसके बाद मैं जहां भी यह नोट लेकर जाता हूं वो लाल लकीर देखकर नोट नहीं लेते हैं । मैं गरीब किसान अब क्या करूं मुझे समझ नहीं आ रहा है । एक जाली नोट मिला है तो वहीं ओरिजिनल नोट को भी जाली नोट बताया जा रहा है।
आदिवासी किसान धनीराम ने उस लाल पेन से क्रॉस किया गया 5 सौ का नोट असली है या नकली जानने के लिए पत्रकार साथियों को सौंप दिया। फिर ‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता के द्वारा भारतीय स्टेट बैंक केशकाल पहुंचकर ब्रांच मैनेजर अंकित किशोर को उक्त नोट को दिखाया गया। तब ब्रांच मैनेजर ने बैंक में उपलब्ध नोट जांच करने वाला सभी उपकरण से बड़ी ही बारीकी से जांच किया।
बैंक मैनेजर ने ‘छत्तीसगढ़’ को जांच उपरांत बताया कि लाल पेन से क्रॉस किया गया यह 500 रुपए का नोट बिल्कुल सही है और असली है । फिर भी और जाँच करने एसबीआई के ब्रांच मैनेजर के द्वारा बाहर भेजने की बात कही । लेकिन प्रथम दृष्टियां बैंक में रखे सभी उपकरणों में नोट जाँच करने पर सही पाया गया ।
अब सवाल यह उठता है कि गरीब आदिवासी किसान का 500 रुपये के नोट पर लाल लकीर खींचकर कैंसल लिख नोट को अनुपयोगी घोषित करने वाला ग्रामीण बैंक के कर्मचारी किस नियम कानून के तहत उक्त नोट को नकली बताया । आज भी इस प्रश्न को लेकर किसान दर-दर भटक रहा है और न्याय का गुहार लगा रहा है ।