कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 13 नवम्बर। बच्चों के बेहतर चहुंमुखी विकास के लिए शाला से पालकों और समुदाय को एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप जोड़ा तो गया है लेकिन कहीं न कहीं इस उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो रही है। इसी उद्देश्य को लक्ष्य मानकर राज्य स्तर पर एक योजना आखर अंजोर श्रेष्ठ पालकत्व कार्यक्रम को क्रियान्वित की गई। इसी तारतम्य में जिला कोण्डागांव में जिला स्तरीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन बीआरसी भवन में आयोजित किया गया।
इस कार्यक्रम में विद्यालय घर और समुदाय के बीच बेहतर जुड़ाव, अपनी भूमिका के प्रति सजग और सक्षम पालक माता-पिता दोनों की समान भागीदारी, बच्चे को सामाजिक भावनात्मक सहयोग की उपलब्धता, घर पर आपसी संवाद स्थानीय भाषा कहानी गीत-संगीत का उपयोग, साथ साथ जोर जोर से पढऩा एक दूसरे को पढक़र सुनाना, घर पर सीखने के उचित वातावरण बच्चे को सीखने में मदद सीखने सिखाने की जांच, बच्चों के लिए गतिविधियां और संसाधन पालकों के लिए प्रशिक्षण सत्र और संसाधन, सामुदायिक सीखने के केंद्रों का विकास पालकों के लिए सीख मंडल। इस कार्यक्रम को जमीनी स्तर पर क्रियान्वित करने के लिए निम्न सामग्रियों का उपयोग किया जाना है। निर्देश दुलार कैलेंडर, दुलार चित्र कार्ड, दुलार कार्ड पालकों के आकलन के लिए, पोस्टर वातावरण निर्माण के लिए।
प्रशिक्षण सह कार्यशाला कार्यक्रम जिला शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार पटेल के निर्देशानुसार जिला मिशन समन्वयक महेंद्र पांडे के मार्गदर्शन में, सहायक परियोजना समन्वयक रूपसिंह सलाम के नेतृत्व में आयोजित किया गया। इस कार्यशाला में विकासखंड शिक्षा अधिकारी शंकर लाल मंडावी, विकासखंड स्रोत समन्वयक रामलाल नेताम भी उपस्थित थे। प्रशिक्षक की भूमिका वेणुगोपाल राव, मधु तिवारी, सूरज मातलाम, नारायण जायसवाल की भूमिका रही।
इस कार्यशाला में प्रत्येक विकासखंड के प्रत्येक संकुल से एक संकुल समन्वयक के साथ एक शिक्षक हुए व दो-दो दिवसीय कार्यशाला के एक बैच में 66 प्रशिक्षु शामिल हैं, जिसमें जिले के पांचों विकासखंड के संकुल समन्वयक सह शिक्षक सम्मिलित हैं।