मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर

शिक्षा में मानवीय मूल्यों और संवेदना का जोड़ा जाना जरूरी
14-Nov-2022 3:35 PM
शिक्षा में मानवीय मूल्यों और संवेदना का जोड़ा जाना जरूरी

काव्य गोष्ठी में साहित्यकारों ने अपनी रचनाओं से समाज को दिया संदेश

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 14 नवम्बर।
कवि कभी नहीं मरता है, वह रह जाता है धरती पर ही, देह त्यागने के बाद भी, अपनी रचनाओं में।
क्षेत्र के साहित्यकार गंगा प्रसाद मिश्र के निवास पर लोक संचेतना फाउंडेशन की मनेन्द्रगढ़ इकाई द्वारा आयोजित कवि गोष्ठी में नगर के फोटोग्राफर कवि मृत्युंजय सोनी ने गोष्ठी की शुरुआत करते हुए अपनी कविता पढ़ते हुए कवि की अमरता की कविता पढ़ी।  इसके बाद संबोधन साहित्य व कला विकास संस्थान के अध्यक्ष व सुप्रसिद्ध कार्टूनिस्ट, व्यंग्यकार जगदीश पाठक ने तथाकथित साहित्यकारों पर अपना व्यंग्य सुनाकर कथित साहित्यकारों की बखिया उधेड़ते हुए कहा कि ऐसे साहित्यकार आम पाए जाते हैं जो साहित्य के नाम पर अपना धंधा करते रहते हैं।  नगर के गीतकार, कवि नारायण तिवारी ने क्षेत्र के दिवंगत साहित्यकार अमरलाल सोनी की कविता मस्त है जिंदगी का पाठ किया। इसी तारतम्य में कोरिया साहित्य व कला मंच की संस्थापक सदस्य व चेतना महिला संगठन की अध्यक्ष अनामिका चक्रवर्ती ने स्त्री जीवन की कविता पढ़ते हुए कहा - स्त्रियां जानती हैं नमक के अनुपात का अनुमान लगाना, वो बिना चखे ही स्वाद को परख लेती हैं।

इस अवसर पर गौतम ने अपने छंदों से समां बांधकर रीतिकालीन दृश्य उपस्थित कर दिया।  क्षेत्र के साहित्यकार गंगा प्रसाद मिश्र ने कविता, गीत न पढक़र वर्तमान शिक्षा व्यवस्था पर चर्चा करते हुए कहा कि जब तक शिक्षा में मानवीय मूल्यों, संवेदना को नहीं जोड़ा जाएगा तब तक शिक्षा अर्थहीन है। नगर के गौरव ओज कवि गौरव अग्रवाल ने अंत में अपनी रचना पढ़ी। कार्यक्रम के अंत में आयोजक मिश्र ने सभी का आभार व्यक्त किया।
 

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