राजनांदगांव
भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में तेन्दूपत्ता संग्राहकों को भुगतान में देरी से सीएम थे खफा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 18 नवंबर। खुज्जी विधानसभा के चिल्हाटी में भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री की ग्रामीणों से आपसी चर्चा में तेन्दूपत्ता संग्राहकों को भुगतान नहीं किए जाने के मामले में वन विभाग की शीर्ष अफसरों ने मैदानी अमले के दो कर्मियों को निलंबित कर दिया है। एक फारेस्टर को जहां सीसीएफ बीपी सिंह ने निलंबन आदेश थमाया है। वहीं वनपाल पोषक अधिकारी को डीएफओ ने निलंबित किया है।
बताया जा रहा है कि शीर्ष अफसरों को भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने खरी-खोटी सुनाई थी। मंच पर उन्होंने डीएफओ समेत अन्य अधिकारियों को खड़ा कर जवाब मांगा। चर्चा थी कि इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार मैदानी अमले के कुछ कर्मियों पर निलंबन की गाज गिर सकती थी।
मिली जानकारी के मुताबिक सीसीएफ बीपी सिंह ने फारेस्टर सालिकराम नवासे को निलंबित किया है। जबकि डीएफओ सलमा फारूखी ने वन रक्षक कूप प्रभारी शोभितराम यादव को निलंबित किया है। बताया जा रहा है कि सीएम ने तेन्दूपत्ता संग्राहकों के मामले में भुगतान को एक बड़ी लापरवाही करार दिया था। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि जमीनी स्तर पर बरती जा रही लापरवाही से अफसर अंजान है। सीएम ने इस पूरे मामले को लेकर 8 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट भी मांगी है।
अधिकारियों की समीक्षा बैठक में भी मुख्यमंत्री ने सवाल पूछे। वन अफसरों के जवाब से सीएम संतुष्ट नहीं हुए। आखिरकार मुख्यमंत्री के उड़ते ही वन अधिकारियों ने जमीनी स्तर पर तैनात दो कर्मियों को निलंबित कर दिया है। बताया जा रहा है कि सीएम ने जिस तरह से पूरे राज्य में दौरे में राजनांदगांव वन अधिकारियों की लापरवाही को लेकर अब तक की बड़ी शिकायत कहा था। सीएम के कड़े रूख से वन अधिकारियों की नींद उड़ गई है।