राजनांदगांव
राजनांदगांव, 18 नवंबर। जिले सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के आम जनता नकली दवाई के बढ़ते कालाबाजारी से परेशान हैं। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश सदस्य परवेज अहमद पप्पू ने जारी विज्ञप्ति में कहा कि जब भी कोई व्यक्ति बीमार होता है, तो जाहिर सी बात है, उसे ठीक होने के लिए मेडिसिन (दवाई) की जरूरत पड़ती है, लेकिन आज के समय कई ऐसे लोग भी हैं, जो नकली दवाई बनाने का काम कर रहे हैं। बीमार व्यक्ति अगर नकली दवाई खाता है, तो ठीक होने की बजाय और भी बीमार हो जाता है।
आगे कहा कि नकली सिरप बनाने में पानी, चीनी या गुड़ व अन्य केमिकल डाल दिया जाता है, ताकि स्वाद मीठा रहे। इसमें खाने वाले रंग का इस्तेमाल भी किया जाता है, गला ठंडा करने के लिए पीपरमेंट का भी प्रयोग होता है, दवा के लिए सस्ते वाले टैबलेट को पीसकर मिलाया जाता है, नकली दवाई के रूप में मुख्य रूप से इन दवाओं का उपयोग किया जा रहा है। जैसे बुखार के लिए पेरासिटामाल, सर्दी-खांसी में बेटनेसाल व नोबेलकोल्ड, हाथ-पैर दर्द में कोरप्लाम, पेट दर्द में क्लोमीन, सांस की तकलीफ में डेरीफाइलिंन, सिर दर्द में नाइस इन दवाओं का उपयोग ज्यादातर किया जाता है। ऐसा करने वाले शातिर प्रशासन की आंख में धूल झोंककर ही ऐसा सब करते हैं, तभी तो वह पुलिस के हाथ नहीं आ रहे हैं। दवाई लेते समय मेडिकल उपभोक्ता बिल जरूर ले, ताकि डुप्लीकेट दवाइयों की दुकानें पकड़ में आ सके। जिला प्रशासन को इसपर विशेष ध्यान देते ऐसे मेडिकल स्टोर्स व मेडिकल एजेंसी पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए संबंधित विभाग जैसे कि स्वास्थ्य विभाग और ड्रग्स विभाग को आदेश करना चाहिए और ऐसे मेडिकल स्टोर से और मेडिकल एजेंसियों का लाइसेंस रद्द करना चाहिए। इस स्थिति में नकली दवाई से आम जनता को बहुत ही ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।