राजनांदगांव
राजनांदगांव, 18 नवंबर। भारतीय मजदूर संघ कार्यालय रायपुर में पिछले दिनों अखिल भारतीय आंगनबाड़ी कर्मचारी महासंघ से संबद्ध आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ छत्तीसगढ़ की प्रदेश र्कासमिति की बैठक हुई। बैठक में सरकार पर न्यूनतम वेतन देने की घोषणा के वायदे से मुकरने का आरोप लगाते आंदोलन पर जाने का निर्णय लिया गया।
भामसं के प्रदेश संगठन मंत्री योगेशदत्त मिश्रा ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि प्रदेशभर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाएं समस्याओं से परेशान हैं। समय पर वेतन नहीं मिल रहा है, अतिरिक्त मानदेय का भुगतान अत्यंत विलंब से हो रहा है। आकस्मिक व्यय हेतु राशि का आबंटन समय पर नहीं हो रहा है, टीए, डीए बिल का भुगतान समय पर नहीं हो रहा है, सुपोषण चौपाल की राशि का भुगतान आज तक नहीं हो पाया, उपर से तुर्रा यह कि राज्य सरकार ने चुनाव पूर्व अपने चुनाव घोषणा पत्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं को न्यूनतम वेतन देने का वायदा किया था, उससे भी मुकर गई है और केन्द्र सरकार द्वारा बढ़ाये गये वेतनमान का एक वर्ष का एरियर्स का भुगतान भी नहीं कर रही है। सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने का हमारी मांग प्रारंभ से ही चल रही है। इन तमाम मुद्दों को लेकर बैठक में एक राय बनी कि सरकार के खिलाफ राज्यभर में आंदोलन छेड़ा जाए और इस हेतु 15 दिसंबर के बाद अनिश्चितकालीन आंदोलन की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया गया। बैठक के उद्घाटन अवसर पर अंजली पटेल, शोभा सिंहदेव, भोला तिवारी, नरोत्तम धृतलहरे, गुरमीत कौर व संतोषी राजवाड़े उपस्थित थे।
3 व 4 दिसंबर को फिर से रायपुर में बैठने के निर्णय के साथ बैठक का समापन हुआ।