रायगढ़

निगम अधिकारियों ने भू-माफियाओं पर नोटिस के 7 माह बाद भी नहीं की कार्रवाई
26-Dec-2022 8:45 PM
निगम अधिकारियों ने भू-माफियाओं पर नोटिस के 7 माह बाद भी नहीं की कार्रवाई

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायगढ़, 26 दिसंबर। जिला प्रशासन की लचर व्यवस्था के कारण जिला मुख्यालय में ही अवैध प्लाटिंग का जगह-जगह खेल चल रहा है, जिसमें नियम कानून को ताक पर रखकर शासन को करोड़ों के राजस्व की क्षति पहुंचाई जा रही है। जिम्मेदार जानकर भी आँख मूंदे बैठे हैं। ताजा मामला शहर के बोईरदादर का है।

यहां की पार्षद सुनीता महेश शुक्ला ने मार्च माह में 7 एकड़ के आबादी भूमि में हो रहे अवैध प्लाटिंग को लेकर कलेक्टर और निगम आयुक्त से शिकायत की थी। जिसके आधार पर निगम प्रशासन ने जांच की और शिकायत को सही पाकर अवैध प्लाटिंग करने वाले 4 लोगों को मई माह में नोटिस जारी किया था। बताया जा रहा है कि कुछ अधिकारियों ने नोटिस भेजकर और कार्रवाई का डर दिखाकर भूमाफियाओं ‘तालमेल’ कर लिया। यही कारण है कि 7 माह बाद भी भूमाफियाओं पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। दोबारा शिकायत करने के बाद भी निगम कमिश्नर ने भी इस मामले में कोई संज्ञान नहीं ली। इस मामले में कोई कार्रवाई न होता देख शिकायतकर्ता पार्षद अब हाईकोर्ट जाने की तैयारी में हैं।

यह है पूरे मामले की शिकायत

वार्ड 48 की पार्षद सुनीता महेश शुक्ला ने अधिकारियों को शिकायत में बताया कि बोईरदादर में स्थित भूमि खसरा नं. 49,1  रकबा लगभग 07 एकड़ है। उक्त भूमि का विक्रय भूमि दलाल हेमसागर पटेल के माध्यम से भूमि स्वामी रजिन्दर सिंह टूटेजा, बलबीर सिंह टूटेजा, जसबीर सिंह टूटेजा, सुरेन्द्र सिंह टूटेजा वगैरह के द्वारा पूरी प्लानिंग के साथ रूद्र माली, बासु माली, अजय सिंह एवं अन्य कई लोगों को 50-50 डिसमिल भूमि रजिस्ट्री विक्रय किया गया है। उक्त भूमि को कॉलोनी बताकर अवैध प्लाटिंग करते हुए छोटे-छोटे टुकड़ों में विक्रय रजिस्ट्री किया गया है।

इस अवैध कॉलोनी एवं प्लाटिंग में पटवारी, आर.आई., तहसीलदार, नगर निगम, नगर तथा ग्राम निवेश, भू-अभिलेख शाखा व नजूल शाखा सभी इस षडयन्त्र एवं अवैध कार्य में शामिल हैं। उक्त कार्य से शासन को राजस्व की क्षति पहुंचा रहे हैं। अवैध प्लाटिंग के कारण पुराने बसे हुए लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।

पार्षद ने बताया, भूमि स्वामियों द्वारा खसरा नं. 49,1 से लगे हुए आबादी भूमि को भी अपना बताते हुए विक्रय कर दिया गया है। आबादी भूमि खसरा नं. 52 जो कि रकबा लगभग 17 डिसमिल है। उक्त भूमि को भी कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है। यह भूमि सार्वजनिक हित हेतु सुरक्षित है। उक्त आबादी भूमि को कब्जा कर लेने से सार्वजनिक भवन एवं अन्य सुविधाओं से क्षेत्रवासी वंचित हो जाएंगे।

नियमों को किया गया तार-तार

पार्षद शुक्ला ने बताया कि इस अवैध प्लाटिंग में रेरा कानून, ग्राम तथा नगर निवेश, नगर निगम कालोनी एक्ट के नियमों का सरासर उल्लंघन किया जा रहा है, जिसके कारण पूर्व से बसाहट में पानी निकासी, आवागमन का मार्ग बाधित हो रहा है। पार्षद ने कलेक्टर और आयुक्त से इस अवैध भू-खण्ड पर हो रहे अवैध प्लाटिंग और आबादी भूमि को कब्जा करने की कोशिश करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की मांग की है।

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