राजनांदगांव

हादसों से रक्तरंजित सडक़ों ने ली 300 की जान
28-Dec-2022 12:10 PM
हादसों से रक्तरंजित सडक़ों ने ली 300 की जान

नांदगांव में 2022 में 666 सडक़ दुर्घटना में हुए जख्मी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 28 दिसंबर।
फर्राटेदार दौड़ती मोटर साइकिलें और यातायात विभाग की कमजोर व्यवस्था से साल 2022 सडक़ हादसों के लिहाज से काफी पीड़ादायक रहा। पूरे साल औसतन हर दिन एक व्यक्ति की सडक़ हादसे में जान गई। वहीं हादसों में रोज औसतन 2 से 3 लोग घायल हुए हैं। सालभर में यातायात विभाग की हादसों में कमी लाने की कवायद कमजोर साबित हुई। 

साल-दर-साल सडक़ हादसों की बढ़ रही संख्या डरावनी साबित हो रही है। राजनांदगांव जिले में नेशनल हाईवे से लेकर राज्य मार्गों में भी वाहनों के आपस में टकराने तथा गिरने से मौतें हुई है। बस हादसों से भी लोगों की जान गई। इसके पीछे विभाग ने तेज रफ्तार वाहनों को जिम्मेदार ठहराया है। विभाग की समझाईश बेअसर होने से भी हादसे बढ़े हैं। हालांकि यातायात के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए विभाग ने यातायात सप्ताह समेत अन्य आयोजन भी किए। विभाग की कोशिशें जमीनी स्तर पर असरकारक साबित नहीं हुई। लिहाजा सडक़ हादसों में मौतों का आंकड़ा पिछले कुछ सालों से लगातार बढ़ता जा रहा है। 

2022 में 300 से ज्यादा मौतें हुई है। घायलों की तादाद भी मौत से दोगुना रही। इस साल 666 जख्मी हुए हैं। यहां यह बता दें कि सितंबर महीने तक यह आंकड़ा अविभाजित राजनांदगांव का है। मोहला-मानपुर और अंबागढ़ चौकी तथा केसीजी जिले के अस्तित्व में आने के बाद का आंकड़ा अलग से दर्ज किया गया है।

मिली जानकारी के अनुसार नवंबर 2022 तक राजनांदगांव जिले में 293 व्यक्तियों की हादसे में जान चली गई। 666 जख्मी हुए हैं। कुल प्रकरण 680 रहा। इधर वर्ष 2019, 2022 और 2021 में भी जिले में क्रमश: 316, 306 और 341 लोगों ने हादसों में जान गंवाई। इस तरह पिछले 4 सालों में हर साल 300 से ज्यादा लोगों के हादसे में जान गंवाने का सिलसिला बना रहा है। 2022 में उम्मीद की जा रही थी कि हादसों में कमी आएगी। नेशनल हाईवे में भी हादसों में गिरावट लाने का विभाग का दावा फिसड्डी साबित हुआ। नेशनल हाईवे में आए दिन लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। शहरी सीमाओं में दाखिल होने के दौरान भी लोगों की जान चली गई। यातायात विभाग का समुचित प्रयास अब तक प्रभावकारी नहीं साबित हुआ है। 2022 में कुल 680 हादसों के प्रकरण बनाए गए। जिसमें मौतों का आंकड़ा गत् वर्षों के बराबर रहा।

इधर पुलिस ने मोटर व्हीकल एक्ट के तहत भी कार्रवाई की है। 2022 में 27 दिसंबर तक 12 हजार 650 प्रकरण दर्ज किए गए। जिसमें विभाग ने समन शुल्क के तौर पर 40 लाख रुपए वसूल किए। इसी तरह 2021 की तुलना में मोटर व्हीकल एक्ट की कार्रवाई में विभाग ने डेढ़ गुना अधिक समन शुल्क की वसूली की। 2021 में 29 लाख 53 हजार 600 रुपए का अर्थदंड लिया। इस साल 12 हजार 725 प्रकरण बनाए गए। समन शुल्कके मामले में यातायात विभाग ने काफी सख्ती दिखाई। जिसके चलते 2022 में 40 लाख 16 हजार रुपए यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर विभाग ने वसूला।
 

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