राजनांदगांव
जिला अस्पताल के सीएस पर नर्सों को प्रताडि़त करने का भी आरोप
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 28 दिसंबर। राजनांदगांव जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन डॉ. केके जैन के साथ कांग्रेस के दो पार्षदों पर कथित रूप से झूमाझटकी करने का मामला सामने आया है। बुधवार सुबह मैट्रन के कक्ष में दोनों पार्षदों ने तथाकथित रूप से नर्सों को प्रताडि़त करने के मामले में सिविल सर्जन को घेर लिया और उनसे सवाल-जवाब करने लगे। बताया जा रहा है कि इस दौरान कांग्रेस पार्षदों का रूख उत्पाती अंदाज में रहा।
सिविल सर्जन पर सीधे सवाल-जवाब का अधिकार नहीं होने के बावजूद पार्षदों ने सत्ता का रौब दिखाते हुए विवाद किया। इस बीच वहां मौजूद कुछ लोगों का कहना है कि सिविल सर्जन के साथ दोनों पार्षदों ने कथित रूप से झूमाझटकी का भी प्रयास किया। दोनों पार्षदों के दबाव के सामने सिविल सर्जन कुर्सी में ही बैठे रहे। हालांकि सिविल सर्जन की कार्यप्रणाली भी विवादों में रही है। उन पर छुट्टी के एवज में नर्सों से कथित रूप से पैसे मांगने के आरोप भी लगते रहे हैं। स्थानीय अस्पताल प्रबंधन के मुखिया के तौर-तरीके को लेकर अधीनस्थ कर्मचारी तनाव झेल रहे हैं। बताया जा रहा है कि सिविल सर्जन केके जैन एक-दो दिनों की छुट्टी के लिए भी नर्सों को अपने कक्ष में तलब करते हैं।
कुछ नर्सों ने कर्मचारी संगठनों को भी सीएस के रवैये को लेकर अवगत कराया है। मेट्रन के अधिकार क्षेत्र वाले कामकाज में भी सिविल सर्जन का सीधा दखल है। इस बीच आज पार्षदों द्वारा किए गए कथित दुव्र्यवहार को लेकर सिविल सर्जन सहम गए हैं। इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. जैन ने 'छत्तीसगढ़’ से कहा कि किसी भी तरह का विवाद नहीं हुआ है और न ही कोई झूमाझटकी हुई है। बताया जा रहा है कि स्टॉफ नर्सों के साथ सिविल सर्जन का व्यवहार शुरू से ही खराब रहा है। यही कारण है कि कांग्रेस पार्षदों ने सवाल-जवाब करने के लिए सिविल सर्जन को घेर लिया। ऐसे में पार्षदों के सरकारी कामकाज में सीधे दखल को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। सत्तारूढ़ दल के पार्षदों ने आज जमकर हंगामा किया।