बिलासपुर
पूर्व पीएम की 1985 में हुई यात्रा के बाद विकास की नई ऊंचाईयों को छू लिया गांव ने
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 16 जनवरी। जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित लगभग 5000 की आबादी वाला आदिवासी बाहुल्य ग्राम रंजना एक खास पहचान रखता है। अब से करीब 37 साल पहले पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. राजीव गांधी ने सोनिया गांधी के साथ यहां की यात्रा की थी। अब गांव वालों को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का इंतजार है, जो प्रदेशव्यापी भेंट मुलाकात कार्यक्रम के तहत कटघोरा विधानसभा क्षेत्र के इस ग्राम में 17 जनवरी को पहुंचने वाले हैं।
ग्राम की सरपंच ममता मरकाम बताती हैं कि राजीव गांधी अपनी पत्नी के साथ यहां 13 जुलाई 1985 को पहुंचे थे। उस वक्त पूरा गांव उन्हें देखकर खुशी से झूम रहा था। उनकी सास, बड़ी सास ने गांववालों के साथ सुआ नृत्य किया था। उन्होंने खुली कार से आसपास भ्रमण किया था। उनके दादा ससुर किताब सिंह ने गांव वालों के साथ मिलकर उनके स्वागत सत्कार की तैयारी की थी। उनकी स्मृति में गांव का एक मोहल्ला राजीव गांधी नगर रखा गया है। राजीव की प्रतिमा पूर्व में यहां स्थापित थी अब एक बड़ी प्रतिमा का उद्घाटन मुख्यमंत्री करेंगें। वे बताती हैं कि 21 मई 1991 की रात राजीव गांधी की हत्या हो गई थी। अगले दिन सुबह जब पता चला तो पूरे गांव में मातम छा गया, सब रोने लगे। किसी के घर चूल्हा नहीं जला।
सरपंच बताती हैं कि उनकी पंचायत सुविधा संपन्न है। यहां ज्यादातर गोंड व कंवर समाज के लोग रहते हैं। मोटे तौर पर यहां कोई समस्या नहीं है। राजीव के आने के बाद यहां बिजली आई, कच्ची सडक़ पक्की बनी। स्वास्थ्य केंद्र का उन्नयन हुआ और सिंचाई के लिए एक बांध भी मिला। झोकानाला पर बंधे इस बांध से रंजना के 450 एकड़ खेत में सिंचाई सुविधा मिली। जल जीवन मिशन के तहत यहां पानी की सप्लाई होती है। अब यहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, पशु चिकित्सालय, राशन दुकान, आंगनबाड़ी केंद्र, हायर सेंकेडरी तक का स्कूल और बड़ा सा खेल मैदान, जिला मुख्यालय तक पहुंच के लिए अच्छी सडक़ आदि उपलब्ध हैं। ग्राम का गौठान व्यवस्थित हैं। यहां दो महिला स्व-सहायता समूह काम कर रहे हैं, जो खाद निर्माण कर बेच भी रहे हैं। सरपंच का कहना है कि मंगलवार को मुख्यमंत्री जी कुछ न कुछ सौगात देकर जाएंगे इसकी उम्मीद है पर वह भी उनके सामने एक खास मांग रखने वाली हैं। क्या मांग, पूछने पर उन्होंने कहा कि ये वह सीएम से ही कहेंगीं।
एक अन्य ग्रामीण रामकुमार श्रीवास ने बताया कि जब राजीव गांधी आए थे तो आसपास के गांवों के हजारों लोगों के साथ उन्होंने भी उनको और सोनिया गांधी को देखा। मुस्कान के साथ सबके अभिवादन को स्वीकार करना उन्हें याद है।
अपनी यात्रा के दौरान स्व. राजीव गांधी मुकुंदराम के घर गए थे। वे इस समय अस्वस्थ हैं। उनके बेटे पुरुषोत्तम और छतराम को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी 17 जनवरी की यात्रा में उनके घर आएंगे।