सुकमा
पूर्व जिला पंचायत सदस्य ने लगाया अनियमितता का आरोप
कूकानार में पीएम मोदी की योजना में भ्रष्टाचार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 20 जनवरी। कूकानार-महिलाओं को सशक्त करने व उन्हें धुँआरहित चूल्हा देने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्जवला गैस योजना की शुरुवात कर गरीब परिवारों को रसोई गैस उपलब्ध करवाने हेतु योजना की शुरुवात की जिसके अंतर्गत समस्त भारतवर्ष में नि:शुल्क रसोई गैस उपलब्ध करवाया जा रहा है ,किंतु सुकमा जिले के ग्राम पंचायत कूकानार में प्रधानमंत्री के इस सपने को सरपंच के द्वारा अनियमिता करते हुए पलीता लगाया जा रहा है व उनके हक के रसोई गैस सिलेंडर व चूल्हा को ऊंचे दामों पर सरपंच के द्वारा बिक्री किया गया है उक्त आरोप पूर्व जिला पंचायत सदस्य सोमाराम नाग ने लगाते हुए कहा कि चार चरणों में कुकानार सरपंच को शासन के द्वारा लगभग चार वर्षो पहले 4 अगस्त 2018 को 140 नग, 5अगस्त 2018 को 70 नग,12अगस्त 2018 को 27 नग एवं 22 नवंबर 2018 को 114 नग कुल 349 नग रसोईगैस सिलेंडर बोदारास,बोकड़ाओड़ार,पेदारास,टाँगररास और कूकानार में वितरित करने हेतु प्राप्त हुए जिसमें कूकानार के सरपंच के द्वारा अनियमितता करते हुए इन पांचों पंचायत के हितग्राहियों को 265 रसोई गैस सिलेंडर,चूल्हा वितरित किया व बचत के बाकी 84 सिलेंडर को ऊंचे महंगे दामों में कर्मचारियों एवं रसूखदारों को बेच दिया,साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया की वितरित किए गए सिलेंडर भी उचित हितग्राहियों को न देकर सरपंच के द्वारा अपने चहेतों को बंदरबांट किया है।
अनियमितता की है इसलिए आरटीआई के तहत नहीं दी जानकारी
पूर्व जिला पंचायत सदस्य सोमाराम नाग ने बताया कि हितग्राहियों के द्वारा लगातार सरपंच से गैस लेने हेतु प्रयास किया परन्तु सरपंच के द्वारा उन्हें घर से भगा दिया गया हितग्राहियों के द्वारा हमारे पास शिकायत करने पर मैंने सरपंच के इस विषय में बात की व हितग्राहियों की सूची मांगी जो नहीं मिलने पर सूचना के अधिकार के तहत सूची मांगी परन्तु पंचायत के द्वारा नहीं मिलने पर अपीलीय अधिकारी के पास आवेदन देने के बाद मुझे जानकारी मिली इससे यह प्रतीत होता है कि इस योजना में सरपंच के द्वारा भारी अनियमितता की गई है।
भौतिक सत्यापन की है आवश्यकता
सोमाराम ने मीडिया के माध्यम से जिला प्रशासन से अपील किया है कि शेष बचे हुए रसोई गैस सिलेंडर व चूल्हा की पंचायत के प्रमुख व्यक्तियों के समक्ष भौतिक सत्यापन किया जावे जिससे गरीबों को उनका हक मिल सके।