महासमुन्द

श्रीहरिकोटा से लांच की गई सेटेलाइट एसएसएलवी डी 2 की गवाह बनीं महासमुंद की छात्राएं
16-Feb-2023 2:29 PM
श्रीहरिकोटा से लांच की गई सेटेलाइट एसएसएलवी डी 2 की गवाह बनीं महासमुंद की छात्राएं

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,16 फरवरी।
महासमुंद नगर स्थित शासकीय आशी बाई गोलछा उच्चतर माध्यमिक शाला की दस छात्राएं 10 फरवरी को आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से लांच की गयी सेटेलाइट एस एस एल वी डी 2 की गवाह बनीं हंै। बताना जरूरी है कि मिशन आजादी सेट 2 के लिए स्पेश कीड्स इंडिया ने महासमुंद जिले के शासकीय आशी बाई गोलछा उच्चतर माध्यमिक शाला के दस छात्राओं को सेटेलाइट एस एस एल वी डी 2 के चिप में प्रोग्रामिंग के लिए चयन किया था।

बीते 10 फरवरी को सेटेलाइट की लांचिंग के समय ये छात्राएं श्रीहरिकोटा में मौजूद थी। वहां इन छात्राओं ने चिप की प्रोग्रामिंग कर जिले के साथ प्रदेश का भी गौरव बढ़ाया है। आशीबाई स्कूल के शिक्षक-शिक्षिकाएं भी छात्राओं के इस सफल प्रयास से अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहे हंै।

स्कूल से मिली जानकारी के अनुसार एटीएल लैब इंचार्ज के मदद से इन छात्राओं ने उस चिप में ताप, दाब आदि की प्रोग्रामिंग कर उक्त चिप को श्रीहरिकोटा भेजा और वही चिप सेटेलाइट लाइट में लगाया गया। जिसका प्रक्षेपण इसरो ने दस फरवरी को आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा में किया। जो सफल रहा।

सेटेलाइट के प्रक्षेपण के समय महासमुंद की ये दस छात्राएं श्रीहरिकोटा में मौजूद थीं। वहां से लौटकर आई यें छात्राएं काफ ी उत्साहित हैं और उनका कहना है कि हमें पहली बार मौका मिला था और हम बहुत खुश थे। हमें वहां कुछ नया जानने और सीखने के लिए मिला। अब हम विज्ञान के क्षेत्र में कुछ कर सकती है और अंतरिक्ष के क्षेत्र में भी आगे बढ़ सकती हैं।

छात्राओं ने बताया-हम श्रीहरिकोटा में10 फरवरी को सेटेलाइट एसएसएलवी-डी2 को रॉकेट के साथ आसमान में सफल लांचिंग देखा। हम काफी भावविह्ल थीं। क्योंकि सेटेलाइट में लगे चिप के ताप और दाब की हमने प्रोग्रामिंग की थी। हमें इस चिप को बनाने में छह महीने लगे। हम लगातार पिछले 6 महीने से अपने भौतिक विषय के शिक्षक चंद्रशेखर मिथलेश के साथ प्रयास कर रहे थे।

मालूम हो कि आशीबाई स्कूल की छात्राओं द्वारा बनाया गया यह पहला डिवाइस नहीं है, जिसे सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में मौका मिला हो। आजादी के अमृत महोत्सव पर इसरो द्वारा यह सैटेलाइट बनाने का कार्यक्रम शुरू किया गया है। जिसके माध्यम से देश भर की छात्र छात्राओं को प्रोग्रामिंग करने का अवसर मिला है। पूरे भारतवर्ष में 750 ऐसे बालिकाएं हैं, जो यह प्रोग्रामिंग का काम कर रही हंै। जिसमें आशी बाई गोलछा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की 10 छात्राएं भी शामिल हैं।
 

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