बालोद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बालोद, 21 फरवरी। भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष अरुण साव कल बालोद जिले के दौरे पर रहे सबसे ज्यादा समय उन्होंने गुरुर मंडल क्षेत्र में बिताया में साहू समाज के तहसील स्तरीय कार्यक्रम में शामिल हुए तो वहीं वरिष्ठ भाजपा नेता जनार्दन सिन्हा के यहां भेंट में गए तो गुरुर नगर के दिवंगत भाजपा नेता झाड़ू राम बाघमारे के यहां शोकाकुल परिवार से भी मिले इस दौरान उन्होंने स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं से मुलाकात की हर विषय पर चर्चा हुई, लेकिन नगर पंचायत विवाद पर कोई चर्चा नहीं हुई।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव से जब इस संदर्भ में चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि यहां पर नगर पंचायत के विषय को लेकर किसी ने वहां चर्चा नहीं की और अध्यक्ष ने हमसे स्वयं यह पूछा कि क्या वहां पर अध्यक्ष का पद खाली है इस बात से स्पष्ट होता है कि वहां पर स्थानीय मंडल के लोगों ने नगर पंचायत के पूरे विषय से प्रदेश अध्यक्ष को दूर रखा यदि उन्हें इस बात की जानकारी होती तो वह जरूर वहां तक सेव करते और कोई ना कोई रास्ता जरूर निकालते परंतु यहां तो कहीं ना कहीं मामले में कन्नी काटने की साजिश चल रही है।
मंडल अध्यक्ष ने कहा साव के ध्यान में है मामला
पूरे मामले को लेकर गुरूर भाजपा मंडल के अध्यक्ष कौशल साहू ने बताया कि हमने नगर पंचायत के विषय में प्रदेश अध्यक्ष अवगत नहीं कराया है और मामला पहले से उनके संज्ञान में है जबकि प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें तो नगर पंचायत गुरुर के विषय में कोई जानकारी नहीं है ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर नगर पंचायत के विषय को लेकर भारतीय जनता पार्टी आखिर बात क्यों नहीं करना चाहती है।
कुछ पार्षदों ने की शिकायत
नगर पंचायत के कुछ पार्षदों ने मंडल अध्यक्ष के कारणों एवं मंडल के क्रियाकलापों को लेकर प्रदेश अध्यक्ष के समक्ष शिकायत भी की है वही प्रदेश अध्यक्ष ने पूरे मामले को लेकर कहा है कि वे स्थानीय संगठन से इस विषय में बात करेंगे और नगर पंचायत को लेकर क्या रणनीति चल रही है वहां की स्थानीय मंडल की इन सब विषयों को लेकर भी वे चर्चा करेंगे उन्होंने कहा कि यदि वहां पर अध्यक्ष का पद अभी रिक्त है तो बनाने के लिए स्थानीय संगठन को प्रयास जरूर करना चाहिए।
कार्यकर्ता असंतुष्ट
नगर पंचायत के विषय को लेकर मामला लगातार गर्मता जा रहा है विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अभी भी अध्यक्ष बनाने को लेकर किसी तरह की ना बैठक की गई है ना ही कोई पहल की गई है वही पहले तो यहां के स्थानीय नेतागण स्वयं पार्षदों को लेकर अविश्वास प्रस्ताव लाने गए थे फिर पूरे मामले से अपना हाथ खींच लिया भाजपा पार्षद तो कांग्रेस अध्यक्षा के साथ पी आई सी में शामिल भी हो गए तब भी वे मौन सहमति देते रहे।