रायगढ़

नेतनागर नहर विवाद फिर गर्माया, मुआवजे को लेकर बिफरे किसान
13-Mar-2023 2:48 PM
नेतनागर नहर विवाद फिर गर्माया, मुआवजे को लेकर बिफरे किसान

विधायक बैठे धरने पर, द्विपक्षीय वार्ता में भी नहीं निकला वाजिब हल

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 13 मार्च।
जिले की पुसौर तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम नेतनागर में केलो परियोजना के नहर निर्माण कार्य को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है, रविवार को जहां आस पास के किसानों व ग्रामीणों ने नहर निर्माण का कार्य बंद करने को लेकर जमकर हंगामा मचाया था वहीं आज फिर से नहर निर्माण का कार्य प्रशासन द्वारा शुरू किये जाने से ग्रामीण भडक़ गये और फिर से धरना प्रदर्शन करते हुए हंगामा मचाना शुरू कर दिया, जिसकी जानकारी मिलने पर रायगढ़ विधायक प्रकाश नायक भी मौके पर पहुंच गये और काम को बंद कराते हुए वे भी ग्रामीणों के साथ जेसीबी के सामने धरने पर बैठ गये हैं।

विधायक का कहना है कि ग्रामीणों के साथ प्रशासन दोबारा बात करें, बिना ग्रामीणों के सहमति के निर्माण कार्य नहीं होगा। वहीं ग्रामीणों के हंगामे को देखते हुए रायगढ़ एसडीएम, पुसौर तहसीलदार, रायगढ़ सीएसपी, जुटमिल टीआई सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंची है। प्रशासन और ग्रामीणों के बीच बात-चीत चल रह रही है।

कल केलो परियोजना के नहर निर्माण कार्य को लेकर नेतनागर में किसानों ने जमकर हंगामा मचाते हुए वहां पहुंची प्रशासन की टीम को घेर लिया और भारी नारेबाजी करते हुए काम को रूकवा दिया था। यह हंगामा उस वक्त हुआ जब केलो बांध की नहर बनाने के लिये स्वीकृत जमीन पर प्रशासन की टीम पहुंची और जैसे ही काम शुरू हुआ तो किसानों ने तत्काल काम रोकने की मांग करते हुए अधिकारियों को घेर लिया था। जानकारी मिलते ही जूटमिल थाने की पुलिस ने आक्रोशित किसानों को समझा बुझाकर शांत किया और इसी बीच प्रशासन की टीम ने भी मौके की नजाकत को देखते हुए काम को बंद कर दिया था।

 जानकारी के अनुसार पुसौर ब्लाक के ग्राम नेतनागर सहित आसपास के एक दर्जन गांव में केलो परियोजना के अधूरे काम को पूरा करने के लिये विभाग की टीम पहुंची थी। साथ ही साथ इस इलाके में केलो बांध का पानी किसानों के खेत तक पहुंचे इसके लिये कुछ सालों पहले केलो बांध की नहर पर भी स्वीकृति मिली थी, कुछ कारणों से यह काम नही हो पाया था, जब अचानक आज केलो परियोजना विभाग की टीम गांव के उस स्थान पर पहुंची तब किसानों ने मोर्चा खोल दिया।

अंतत: प्रशासन और ग्रामीणों के बीच बातचीत शुरू हुई और पुलिस कंट्रोल रूम में कलेक्टर तारण प्रकाश सिन्हा ने किसानों के साथ बैठक ली, लेकिन किसानों की मानें तो यह बैठक बेनतीजा रही। किसानों का कहना है कि वह किसी भी हाल में अपनी जमीन सूखी नहर के लिये नही देंगे। जिस केलो नदी में पानी नहीं रहता वह आम जनता के लिये और खासकर किसानों के लिये किसी काम का नही है। उनका आरोप है कि सिर्फ उनकी उपजाउ जमीन को शासन अधिग्रहित करके अपनी वाहवाही लूटना चाह रही है।
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि उनके गांव के समीप नहर आ चुकी है, लेकिन उसमें पानी रहता ही नहीं। जहां तक मुआवजे की बात है, अभी तक किसी भी ग्रामीण ने मुआवजा नहीं लिया है, क्योंकि हमें नहर नहीं अपनी जमीन चाहिए। आखिरकार वार्ता में एक अस्थाई हल निकाला गया है कि नहर का काम दूसरी छोर से शुरू कराया जाये मगर किसानों के मुआवजे की मांग पर भी प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया।

विजय अग्रवाल ने भी दिया समर्थन
इस मामले में शनिवार को भाजपा नेता विजय अग्रवाल किसानों के साथ खड़े थे। वहां पुलिस भी आ गई थी, लेकिन विजय अग्रवाल के किसानों की मांग को सही ठहराते हुए उनका साथ दिया। रविवार को फिर जब काम शुरू हुआ और किसानों ने विरोध किया तो विधायक प्रकाश नायक को बुलाया गया। वे भी किसानों के साथ धरने पर बैठ गए। फिर कलेक्टर के बुलाने पर वार्ता हुई और अंतत: इस मामले में एक अस्थाई हल निकाला गया।
 

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