सुकमा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 9 अप्रैल। 219वीं वाहिनी के.रि.पु.बल मुख्यालय इंजराम में 58वाँ शौर्य दिवस मनाया गया। इस अवसर पर सर्वप्रथम सभी अधिकारियों, अधीनस्थ अधिकारियों एवं जवानों द्वारा वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
कार्यक्रम के दौरान वाहिनी के सभी जवानों को शौर्य दिवस का महत्व बताते हुए कहा कि 1965 के युद्ध के दौरान आज ही के दिन (09 अप्रैल) पाकिस्तानी सैनिकों के एक समूह ने कच्छ सीमा पर सीआरपीएफ की दो चौकियों पर हमला किया था। तब इन सैनिकों ने पाकिस्तानी सेना के हमले को रोक दिया और उन्हें लगभग 12 घंटे तक आगे बढऩे नहीं दिया, जब तक कि पीछे से भारतीय सेना की मदद नहीं आ गई। इस हमले में सीआरपीएफ के 6 जवान शहीद हो गए थे, जबकि उन्होंने 34 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया और चार को जिंदा पकड़ लिया था।
सीआरपीएफ बलों ने पाकिस्तानी ब्रिगेड बलों का इतनी बहादुरी से मुकाबला किया कि पाकिस्तान ब्रिगेड को पीछे हटना पड़ा। सैन्ययुद्ध के इतिहास में यह दिन एक बेहतरीन मिसाल है। सीआरपीएफ जवान की गाथा को सम्मानित करने के लिए हर साल 9 अप्रैल को शौर्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। साथ ही सभी कार्मिकों को देश सेवा के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा कि, हमें देश की सुरक्षा, एकता व अखंडता को बनाये रखने के लिए हमेशा निष्ठा के साथ तैयार रहना चाहिए। इस कार्यक्रम में नीरज कुमार सिंह, द्वितीय कमान अधिकारी, सूर्यकान्त सिंह, द्वितीय कमान अधिकारी, सतीश सांगवान, सहा. कमां., डॉ. लाकेश करोल, चिकित्सा अधिकारी,अधिनस्थ अधिकारी एवं अन्य जवान उपस्थित थे।