सुकमा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 18 अप्रैल। पंचायत सचिवों को परिविक्षा अवधि पश्चात् शासकीयकरण करने व पदोन्नति एवं क्रमोन्नति की मांग को लेकर तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा व 29 मार्च 2022 को इंडोर स्टेडियम रायपुर में पंचायत सचिव / शिक्षक सम्मान समारोह कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा पंचायत सचिवों को शासकीयकरण करने की घोषणा को याद दिलाते हुए सचिव संघ ने कहा सचिवों को शासकीयकरण करने से शासन-प्रशासन को वार्षिक वित्तीय भार लगभग 75 करोड़ रूपये आयेगा, जो कि नहीं के बराबर है।
और यह कि त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था में जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत स्तर पर कार्यरत कर्मचारी शासकीय सेवक है, किन्तु पंचायतीराज की बुनियाद आधार स्तम्भ कहे जाने वाले ग्राम पंचायत में कार्यरत कर्मचारी पंचायत सचिव शासकीय सेवक नहीं है। पंचायत सचिव 29 विभागों के 200 प्रकार के कार्य को जमीनी स्तर तक जिम्मेदारी के साथ ईमानदारी पूर्वक निर्वहन करते हुए, राज्य शासन एवं केन्द्र शासन के समस्त योजनाओं को लोकतंत्र के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का अति महत्वपूर्ण कार्य को अंजाम देते व शासन की अति महत्वाकांक्षी सभी न्याय योजनाएं जैसे राजीव गांधी न्याय योजना, राजीव गांधी कृषि भूमिहीन मजदुर न्याय योजना, गोधन न्याय योजना सहित नरूवा, गरूवा, धुरूवा अउ बारी के तहत् ग्राम गौठान निर्माण एवं मनरेगा के कार्यों का जिम्मेदारी पूर्वक निर्वहन कर रहे है। पंचायत सचिवों को शासकीयकरण करने हेतु प्रदेश के 65 सम्मानीय विधायक गणों द्वारा अनुशंसा किया गया व यह कि पंचायत सचिव को कार्य करते हुए 28 वर्ष से अधिक हो गया है।
हमारा गुनाह क्या है
नियुक्ति को लेकर संघ है ने शासकीय करण किए गये कर्मचारी को दिलाते हुए कहा कि पंचायत सचिवों के साथ अन्य नियुक्त हुए अन्य विभाग के कर्मचारी जैसे शिक्षाकर्मी / वनकर्मी / लोकनिर्माण विभाग के कर्मीयों को कब का शासकीयकरण किया जा चुका लेकिन हमें महिनेभर से हड़ताल पर है, लेकिन हमारी कोई सुनना नहीं चाहता।