दन्तेवाड़ा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा, 13 मई । दंतेवाड़ा जिले के विकासखंड गीदम के ग्राम पंचायत बड़े कारली निवासी 45 वर्षीय प्रगतिशील कृषक रामसिंह वेको की है जिन्होंने उपरोक्त मंशा को साकार करते हुए अपनी खेती के तौर-तरीकों में बदलाव कर आज एक सफल कृषक का मुकाम हासिल कर लिया है।
अपने बदलाव के सफर पर चर्चा करते हुए रामसिंह बताते हंै कि 2018 से पहले वे भी अन्य कृषकों के समान लगभग 7 एकड़ की भूमि में सीजन पर कोसरा, मंडिया, कुल्थी, उड़द ही लगा पाते थे जाहिर है कि सीमित आय से ही उन्हें संतोष करना पड़ता था। 2018 में कृषि विज्ञान केन्द्र गीदम से जुडऩे पर उनकी कृषि में क्रांतिकारी बदलाव आना प्रारंभ हो गया। केन्द्र के मार्गदर्शन एवं सलाह पर उन्होंने अपनी भूमि में बागवानी फसलों का नवाचार खेती प्रारंभ करना शुरू कर दिया।
वे आगे बताते है कि केन्द्र से उन्हें सर्वप्रथम उन्नत किस्म के ’’लखनउ एवं इलाहाबाद सफेदा’’ किस्म के अमरूद के 200 पौधे दिए गए साथ ही उसको लगाने की विधि विस्तार से समझाई दी गई। फलस्वरूप एक साल के अंदर अमरूद के पौधों पूरी तरह विकसित होकर फलदार वृक्ष में बदल गए। केन्द्र द्वारा दिए गए 200 अमरूद के पौधों से पौध नर्सरी तैयार कर आज रामसिंह ने 700 पौधों तक वृद्धि करके अपने बाड़ी में लगाया है। श्री वेको ने बताया कि इस वर्ष अमरूद के फलों से उन्हें 1 लाख 22 हजार रूपये तक की आमदनी प्राप्त हो चुकी है।
उन्होंने अपने अमरूदों को बेचने के लिए न तो किसी प्रकार की मार्केटिंग की सहायता ली और ना ही उन्होंने अपने अमरूदों को बेचने के लिए मंडी का रास्ता देखा। यह बहुत आश्चर्य की बात है कि लोग उनके उगाए अमरूदों को खरीदने के लिए स्वयं उनके खेत में जाते हैं। यहाँ तक कि उनके गांव के ही नहीं बल्कि आसपास के गांव जिलों और दूसरे राज्यों के लोग भी उनके खेतों में अमरुद खरीदने जाते हैं। इस सफलता से उत्साहित रामसिंह ने न केवल अमरूद बल्कि नारियल, पपीता, आम, सीताफल, मुंनगा, काजू के उन्नत किस्म के पौधों का भी अपने बाडिय़ों में रोपण किया है साथ ही इन पौधों की नर्सरी तैयार करने पर उन्हें 24 हजार रूपये की आय हुई।
रामसिंह बागवानी के प्रति इतने जूनूनी है कि उन्होंने अपने भूमि में प्रायोगिक तौर पर अंगूर, सेब, इलायची, मौसंबी, चीकू, केला, अंजीर पौधे का भी रोपण किया है जो अभी विकसित होने की स्थिति में है। साथ ही वे आधुनिक तरीके से साग, सब्जी उत्पादन भी कर रहे है। जहां उन्होंने ग्रीन हाउस नेट में करेला लगाया है। रामसिंह मानते है कि कृषि के अलावा इससे जुड़े अन्य क्षेत्रों में भी संभावनाएं है इसके लिए उन्होंने कुक्कुट पालन, मत्स्य पालन, पशु पालन, मशरूम उत्पादन में भी अपना कार्य प्रारंभ किया है अपने भावी योजनाओं के संबंध में बताते हुए उन्होंने कहा कि शासन की ऐसी अनेक योजनाएं है।
जिसका लाभ लेकर हर कृषक अपने कृषि को बहुमुखी और लाभदायक कार्य क्षेत्र में बदल सकता है इसके लिए वे अन्य कृषकों को मार्गदर्शन और सलाह देते रहते है।
उल्लेखनीय है कि रामसिंह वेको को कृषि विज्ञान केन्द्र के ओर से रामसिंह वेको को बुरहानपुर, ग्वालियर, दिल्ली, मुरैना, भुवनेश्वर तथा कर्नाटक जैसे अन्य राज्य में प्रतिनिधि के तौर पर भेजा जा चुका है। जहां उन्होंने अन्य राज्यों के उन्नत कृषि के बारे में जाना और समझा।