बालोद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दल्लीराजहरा, 24 मई। ओबीसी महासभा द्वारा अन्य पिछड़े वर्ग के हित संवर्धन एवं संरक्षण हेतु शासन स्तर पर आवश्यक कार्रवाई हेतु राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम दल्लीराजहरा को ज्ञापन सौंपा गया।
सौंपे गए ज्ञापन में उन्होंने बताया कि ओबीसी महासभा द्वारा अलग-अलग बिंदुओं पर विगत 3 वर्षों से प्रतिमाह ज्ञापन कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार के माध्यम से छत्तीसगढ़ प्रदेश के सभी जिला में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री आदि के नाम सौंपा गया है, किंतु आज पर्यंत राष्ट्रीय जनगणना एवं आरक्षण की ज्वलंत समस्या यथावत बनी हुई है। अत: ओबीसी के हित संरक्षण एवं संवर्धन हेतु शासन स्तर पर आवश्यक कार्रवाई हेतु बिंदुवार ज्ञापन निम्नानुसार है।
लंबित राष्ट्रीय जनगणना शीघ्र कराई जावे, जिसमें ओबीसी के लिए पृथक से कोड नंबर निर्धारित हो। उक्त आशय का प्रस्ताव केंद्र सरकार को अविलंब भेजे जाने का अनुरोध है। ओबीसी समुदाय को आबादी के बराबर समानुपातिक संवैधानिक प्रतिनिधि (आरक्षण) कार्यपालिका, न्यायपालिका, विधायिका, मीडिया एवं सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के सभी उपक्रमों में प्रदान किए जाने का अनुरोध है।
विगत 30 वर्षों से लंबित 27 प्रतिशत आरक्षण राज्य में अविलंब लागू किये जाने एवं उक्त अवधि का बैकलॉग नियुक्तियां प्रदान किए जाने का निवेदन है।
मंडल कमीशन की सभी अनुशंसाओं को पूर्णत: लागू किए जाने हेतु प्रस्ताव केंद्र सरकार को अति शीघ्र भेजे जाने का अनुरोध है। छत्तीसगढ़ प्रदेश की राजधानी रायपुर में ओबीसी महासभा के लिए कम से कम 5 एकड़ भूमि आवंटित किए जाने का अनुरोध है। प्रत्येक जिला मुख्यालयों में ओबीसी महासभा के लिए भूमि एवं भवन आवंटित किए जाने का अनुरोध है। प्रत्येक तहसील मुख्यालयों में ओबीसी के लिए पोस्ट मैट्रिक एवं प्री मैट्रिक छात्रावास तथा जिला मुख्यालयों में बालिकाओं के लिए पृथक से सर्व सुविधा युक्त छात्रावास का प्रावधान किए जाने का निवेदन है।
छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य है। अत: राज्य अंतर्गत संचालित सभी शासकीय हायर सेकेंडरी शालाओं में कृषि संकाय अनिवार्य रूप से संचालित किए जाने का अनुरोध है।
पांचवी अनुसूची क्षेत्रों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव एवं नगरी निकाय चुनाव में ओबीसी समुदाय के लिए आबादी के बराबर सीट आरक्षित किए जावे, ताकि वहां निवासरत ओबीसी समुदाय को पंच, सरपंच, जनपद सदस्य, जिला पंचायत सदस्य, पार्षद, निकाय अध्यक्ष बनने का समुचित अवसर मिल सके। सामाजिक प्रास्थितिक (ओबीसी) प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया को सरलीकरण किए जाने का निवेदन है।
ओबीसी आरक्षण के लिए लागू की गई असंवैधानिक क्रीमी लेयर की बाध्यता को पूर्णता समाप्त किए जाने बाबत प्रस्ताव केंद्र सरकार को प्रेषित किए जाने का अनुरोध है।
ओबीसी की समुचित विकास एवं उत्थान के लिए प्रचलित आरक्षण के बराबर राज्य के बजट में प्रावधान किए जाने का अनुरोध है। प्रदेश में आउटसोर्सिंग पूर्णत: बंद किए जाने का अनुरोध है।
देश के कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र आदि राज्यों में पृथक से पिछड़ा वर्ग विभाग संचालित है। छत्तीसगढ़ राज्य में ओबीसी संबंधी योजना एवं जनकल्याणकारी कार्यक्रम आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा चलाई जा रही है, जिससे ओबीसी की ओर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जा सका है। छत्तीसगढ़ राज्य में ओबीसी का पृथक से विभाग स्थापित किए जाने का अनुरोध है।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से ओबीसी महासभा छत्तीसगढ़ के महासचिव यज्ञदेव पटेल, जिला सचिव के ईश्वर राव, तहसील साहू संघ दल्लीराजहरा के पूर्व अध्यक्ष तोरण लाल साहू, निषाद समाज दल्लीराजहरा के अध्यक्ष घनश्याम पारकर, सुरेश जायसवाल, हुमन निषाद, राजकुमार गुप्ता एवं रमेश कुमार उपस्थित थे।