कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 15 जून। पशुधन विकास विभाग के नेतृत्व में देवभोग एवं कृषि विज्ञान केंद्र के संयुक्त प्रयास से चूरेगांव में दूध संग्रहण बढ़ाने के लिए कार्यशाला आयोजित की गई।
जिले को दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने हेतु पशुधन विकास विभाग निरंतर प्रयासरत है। इसी क्रम में उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवाएं के मार्गदर्शन में डॉ. सुरेंद्र नाग, डॉ. नीता मिश्रा, डॉ. आरती व डॉ. आकांक्षा की गठित विशेषज्ञ समिति द्वारा दुग्ध उत्पादन में सहकारिता के महत्व विषय पर कृषि विज्ञान केंद्र बोरगांव में कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें जिले के विकासखंड फरसगांव में स्थापित एकमात्र दुग्ध प्रशितन केंद्र में जिला प्रशासन द्वारा दूध संग्रहण बढ़ाने हेतु किए जा रहे प्रयासों से पशुपालकों को अवगत कराते हुए उनकी समस्याओं के निराकरण हेतु समिति द्वारा प्रस्तुत विभिन्न सुझावों पर विस्तृत चर्चा की गई।
डॉ. शिषिरकांत पांडे द्वारा सहकारिता के महत्व पर व्याख्यान देते हुए सदस्यों के समस्याओं के निराकरण के लिए आश्वासन दिया गया। देवभोग प्रतिनिधि गजानन साहू, मैनेजर पखांजूर डेयरी द्वारा पशुपालकों को संग्रहित दूध के भुगतान की प्रक्रिया से अवगत कराया गया।
डॉ. हितेश मिश्रा पशु वैज्ञानिक द्वारा दूध संग्रहण बढ़ाने हेतु प्रशितन केंद्र के कार्य क्षेत्र को बढ़ाते हुए नए मिल्क रूट एवं कलेक्शन सेंटर बढ़ाने के सुझाव दिए गए। उक्त कार्यक्रम में डॉ. बिंदिया, महेश नाग, दुर्गा प्रसाद साहू, श्वेता मरकाम, बिरजू कचलाम, गौतम दुबे का विशेष सहयोग रहा।
बोरगांव से आए महेश डे एवं तिवारी, सचिव सिंगरपुरी ने सक्रिय भागीदारी निभाते हुए सार्थक चर्चा में सम्मिलित होकर दूध संग्रहण बढ़ाने के लिए अधिकाधिक पशुपालकों को समिति से जोडऩे हेतु सहयोग करने की बात की। उक्त कार्यक्रम में सिगारपुरी, बोरगांव, चूरेगांव, बड़ेडोंगर के पशुपालक शामिल हुए।