सुकमा

ग्रामीणों के बीच पालेंम पहुंची दीपिका, मजदूरी नहीं मिलने की ग्रामीणों ने की शिकायत
09-Jul-2023 2:42 PM
ग्रामीणों के बीच पालेंम पहुंची दीपिका, मजदूरी नहीं मिलने की ग्रामीणों ने की शिकायत

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कूकानार, 9 जुलाई।
सुकमा जिले के विकासखण्ड छिंदगढ़ के ग्राम पंचायत पालेंम से इन दिनों वर्षों से कार्य किये हुए मजदूरों की मजदूरी नहीं मिलने की व कई प्रकार की समस्याओं से सामना करने की खबर आ रही है। इसी बीच इन खबरों पर वहाँ की वस्तुस्थिति देखने भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष अधिवक्ता दीपिका शोरी पालेंम पहुंची। 

पालेंम में जाकर उन्होंने मजदूरों से बात की मजदूरों ने उनके सामने अपनी समस्याओं को रखा उन्होंने कहा कि लगभग 1 वर्ष हो गए है। मनरेगा के अंतर्गत स्वीकृत सडक़,डबरी,भूमि मरम्मत आदि कार्यों को किया है। मजदुरी नहीं मिली है आज कृषि कार्य करने का समय आ गया है व पैसों के अभाव में हम यह कार्य नहीं कर पा रहे हैं। हमें हमारी मजदूरी का भुगतान जल्द चाहिए  साथ ही ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ कार्यों को अधूरा भी छोड़ दिया गया है पालेंम के पूर्व उपसरपंच मुचाकी बुधरा ने बताया कि वन विभाग के अंर्तगत मनरेगा योजना के तहत हमारे गाँव में डबरी स्वीकृत हुई थी जिसमें सभी गाँव वालों ने काम किया था, जिसमें हम लोगों ने 800 गोदी का कार्य किया था जिसमें आधी अधूरी मजदूरी ही दी गई है बाकी की मजदूरी अभी तक नहीं मिली है जिसके लिए हम लोग भटक रहे हैं।

पालेंम के ही मजदूर दयाराम बताते हैं कि सडक़ निर्माण में 150 व डबरी 89 गोदी का कार्य किया है  जिसे हम चार लोगों ने साथ मिलकर किया था परन्तु मात्र 5 हजार रु देकर बाकी की राशि हेतु  पिछले 1 वर्ष से भटक रहे है।ं हमारी कोई सुध लेने वाला नहीं है इस राशि हेतु जब हम पूछते हैं तो सचिव हड़ताल पर हैं। सरपंच हड़ताल पर हैं ऐसा जवाब जिम्मेदारों के द्वारा दिये जाते हैं इसी प्रकार पालेम के दर्जनों मजदूर दूधी वारे, लखमा,हड़मा,कोशी व अन्य ने अपनी यही समस्या बताई। 

ग्रामीणों की समस्या की खबर सुनकर पालेंम पहुंची अधिवक्ता दीपिका शोरी ने कहा कि मैंने जैसा सुना था उससे कहीं ज्यादा यहां आकर पाया है।  ग्राम पंचायत पालेम सुकमा जिला मुख्यालय से लगभग 40 किमी और विकासखण्ड छिंदगढ़ से मात्र 20 किमी की दूरी पर एनएच 30 के किनारे बसा हुआ पंचायत है और इस पंचायत के ग्रामीण पिछले 2-2 वर्षों से अपनी मजदूरी हेतु भटक रहे हैं और इन्हें यह नहीं पता है कि किस उचित स्थान पर ये अपनी बात रखें तो इनकी मजदूरी मिलेगी तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि जिले के अंदरूनी पहुंचविहीन गाँव की स्तिथि क्या होगी यह प्रशासन की कार्यशैली पर भी एक प्रश्रचिन्ह उठाती है कि वो अपने जिम्मेदारियों के प्रति कितने सजग हैं मैं मीडिया के माध्यम से जिले के आला अधिकारियों कलेक्टर साहब,एसपी साहब व जिला पंचायत सीईओ एवं डीएफओ साहब से अपील करती हूँ कि वो सभी पालेंम पंचायत में एक शिविर का आयोजन करके मजदूरों से वन टू वन बात करे।

 जिससे उन्हें यहां की सच्चाई पता चल सके व उन्हें उनका हक मिल सके एवं दोषियों पर उचित कार्रवाई भी हो जिससे अन्य स्थानों पर ऐसा कृत्य करने वालों को सबक मिल सके।

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