कोण्डागांव
मामले पर की जाएगी कार्रवाई- यातायात पुलिस
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 14 जुलाई। शैक्षणिक सत्र 2023 - 24 प्रारंभ हो चुका है। शिक्षण सत्र प्रारंभ होते ही कोण्डागांव नगर के छोटे वाहन चालकों द्वारा बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़ करने का मामला भी दिखाई देने लगा है।
दरअसल, बच्चों को स्कूल लाने व ले-जाने के लिए जिन ऑटो रिक्शा और कार का इस्तेमाल किया जा रहा है, उनके संचालक गाइडलाइन - नियमों को अनदेखी कर रहे हैं। बच्चों को भेड़ बकरियों की तरह ठूंस कर स्कूल लाने ले जाने का कार्य बेधडक़ चल रहा है। शैक्षणिक सत्र प्रारंभ हुए 14 दिन बीत चुके है, लेकिन कोण्डागांव के यातायात पुलिस विभाग की ओर से अब तक कोई कारवाई नहीं की गई है।
कोण्डागांव के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी गौरव साहू ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट, केंद्रीय परिवाहन मंत्रालय और राज्य शासन समय-समय पर सुरक्षा मानकों को लेकर दिशा निर्देश जारी करता रहता है। दिशा निर्देशों के तहत बच्चों को स्कूल लाने और ले जाने के लिए कोई आम टैक्सी परमिट वाहन नहीं बल्कि विशेष तौर पर मॉडिफाई किया गया न्यूनतम 13 सीटर वाहन ही इस कार्य के लिए वैलिड है। वाहन को कमर्शियल टैक्सी परमिट से पंजीकृत होना चाहिए, सुरक्षा मानकों के तहत सभी मापदंड पूर्ण होने चाहिए। इसके ठीक विपरीत कोण्डागांव के लगभग सभी स्कूलों के बच्चों को लाने लेजाने के लिए ऑटो रिक्शा, मारुति ईको, महेंद्रा बोलेरो समेत अन्य छोटे वाहनों का इस्तमाल कर रहे हैं। जिनका रजिस्ट्रेशन न केवल प्राइवेट वाहन के रूप में किया गया है, बल्कि सुरक्षा मानको को भी अनदेखा किया गया हैं।
कोण्डागांव के जामकोट पारा में संचालित स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल के सामने स्कूल के छुट्टी के समय कैमरे में कैद हुआ नजारा काफी चौंकाने वाला हैं। यहां लगभग 20 से अधिक 7 सीटर और ऑटो रिक्शा बच्चों का इंतजार करते खड़े रहते हंै। बच्चे जब एक-एक कर इन वाहनों में सवार होने लगे तो उनमें 13 से 18 बच्चें सवार दिखे। ये नजारा किसी जानवर को ठूंस कर लेजाने के नजारे से कम नहीं था।
इस संबंध में यातायात पुलिस प्रभारी राजकुमार सोरी ने कहा कि, पूर्व में यातायात पुलिस के माध्यम से कार्रवाई की गई है। आज ही यातायात पुलिस विभाग और क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के साथ संयुक्त रूप से 7 सीटर व ऑटो रिक्शा में बच्चों को स्कूल लाने और ले जाने का कार्य करने वाले वाहनों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।