बीजापुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 13 अगस्त। जिले में धान का रकबा कम करने के लिए कृषि विभाग द्वारा किया गया प्रयास कमजोर साबित होता नजर आ रहा है। जिले में जारी खरीफ फ सल सीजन के दौरान लक्ष्य से अधिक रकबा में धान की पैदावारी की जा रही है। जिले में धान के विकल्प के तौर पर किसी दूसरे फसल को लेकर किसानों ने रूचि नहीं दिखाई है।
बता दें कि कास्ताकारी जिले में बीते तीन सत्र से धान का रकबा कम करने का प्रयास किया जा रहा है। किसान धान को छोडक़र दीगर फसल लेने में रूचि नहीं दिखा रहे हैं, जिसकी वजह से धान का रकबा कम होने की बजाय बढ़ता जा रहा है। जिले में बीते सत्र के दौरान बेमेतरा, बेरला, नवागढ़ व साजा ब्लॉक में 1,99222 हेक्टेयर में धान की फसल ली गई थी। जारी फसल सीजन के दौरान गत सत्र से लगभग 8450 हेक्टेयर कम रकबे में 191190 हेक्टेयर में धान का फसल लेने का लक्ष्य तय किया गया था। खेतों में फसल बुआई का काम लगभग समाप्त हो चुका है और अब तक जिले में 197743 हेक्टेयर में किसान धान की फसल ले रहे हैं। धान का रकबा पिछले सीजन की तरह पहुंचने की संभावना है। बताया गया कि रकबे का वास्तविक आकड़ा गिरदावरी रिपोर्ट आने पर ही पता चलेगा। फिलहान किसान बुआई कर रहे हैं।
इसलिए नहीं छोड़ रहे हैं धान की खेती
किसान दाउराम साहू ने बताया कि सरकार जिस तरह से धान का दाम दे रही है। उसे देखते हुए फसल छोडना मुनासिब नहीं है। ग्राम कदई के किसान हरीश शर्मा ने बताया कि बीते सत्र में उन्हें प्रोत्साहन राशि देने का वादा किया गया था पर नहीं मिला। कई अधिकारियों को आवेदन भी दिया है पर राशि नहीं मिली है। उनकी तरह और भी किसान हैं, जिन्हे प्रोत्साहन राशि नहीं मिली है।
फसलों का रकबा नहीं बढ़ पाया
जिले में इस बार धान के विकल्प के तौर पर एक बार फि र सोयाबीन की पैदावारी बढ़ाते हुए 6000 हेक्टेयर का लक्ष्य तय किया गया है। गत सत्र के दौरान जिले में किसानों ने 3200 हेक्टेयर में धान की फ सल ली थी। इसके आलावा कृषि विभाग द्वारा मूगंफ ली का रकबा 1000 हेक्टेयर से बढ़ाकर 1500 हेक्टेयर, तिल का रकबा 60 हेक्टेयर से बढ़ाकर 150 हेक्टेयर लक्ष्य तय किया गया है। जिले में अब तक तिलहन श्रेणी के इन फसलों में मूंगफ ली का रकबा 1250 हेक्टेयर, सोयाबीन का रकबा 1860 हेक्टेयर और तिल का रकबा केवल 96 हेक्टेयर तक पहुंच पाया है।
2280 किसानों की सहमति, 908 ने ली अन्य फसल
जिले में धान के बदले अन्य वैकल्पिक फ सलों को प्रोत्साहन के लिए तैयार किये गये कार्यक्रम के तहत जिले में आनाज, दलहन, तिलहन श्रेणी के अलावा गन्ना व उद्यानिकी फसल समेत 15 किस्म के फसलों को सूची बध्द किया गया है। जिले में बीते सत्र के दौरान इन 15 फसलों का रकबा पोर्टल में 396 हेक्टेयर पंजीकृत है, जिसके बाद जारी सत्र के दौरान 1500 हेक्टेयर का रकबा और बढ़ाया जाना है। जिले के 2280 किसानों से 1500 ़50 हेक्टेयर में धान के बदले दीगर फसल लेने के लिए सहमति लेकर कार्यक्रम में शामिल किया गया है। जिले में सहमति देने वाले 2280 किसानों में से अब तक 908 किसानों ने केवल 614.52 हेक्टेयर में बुआई की है।
जानें.. कितने किसानों ने ली वैकल्पिक फसल
जिले में सुगंधित धान 117 किसानों ने 80 हेक्टेयर, मक्का की खेती 24 किसानों ने 13 हेक्टेयर, कोदो कुटकी 99 किसानों ने 41 हेक्टेयर, अरहर की खेती 44 किसानों ने 33 हेक्टेयर, उड़द की खेती 43 किसानों ने 21 हेक्टेयर, मूंग की खेती 22 किसानों ने 22 हेक्टेयर में, तिल की खेती 3 किसानों ने 2 हेक्टेयर, सोयाबीन की खेती 161 किसानों ने 301 हेेक्टेयर, गन्ना की खेती 48 किसानों ने 65 हेक्टेयर, उद्यानिकी फ सलों की खेती 333 किसानों ने 222 हेक्टेयर में धान की फ सल के अलावा लिया है।
वरिष्ठ कृषि अधिकारी जितेन्द्र ठाकुर ने कहा कि जिले में धान का रकबा बढऩे या कम होने की सही जानकारी गिरदावरी रिपोर्ट आने पर स्पष्ट हो पाएगी।