सुकमा
पांच नामों पर चर्चा, राजधानी तक लगा रहे दौड़, इस बार उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया अलग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 27 अगस्त। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने इस बार नई नीति अपनाते हुए आचार संहिता से पहले उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर न सिर्फ विपक्ष बल्कि भाजपा के नेताओं को भी चौंका दिया। लिस्ट जारी होने के बाद कोंटा विधानसभा के उम्मीदवारों की धडक़नें तेज हो गई है।
फिलहाल, पांच नामों पर चर्चा जरूर हो रही है, लेकिन उम्मीदवार इन पांचों के अलावा भी हो सकता है। क्योंकि इस बार भाजपा पार्टी अलग ढंग से उम्मीदवारों के नामों को तय कर रही है। बताया जाता है कि न तो किसी की सिफारिश चल रही है और न ही मंडल व जिलों से नाम मंगाया जा रहा है।
जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है, ठीक वैसे-वैसे राजनैतिक दलों के उम्मीदवारों की धडक़नें तेज हो रही है। भाजपा पकी इस बार बस्तर की सबसे वीआईपी सीट कोंटा पर विशेष नजर है। लेकिन भाजपा ने इस बार पहली लिस्ट जारी कर सभी को चौंका जरूर दिया है, क्योंकि पहली बार ऐसा हुआ है कि कोई राजनीतिक दल ने आचार संहिता से पहले लिस्ट जारी की हो। इस लिस्ट के बाद कोंटा विधानसभा के भाजपा पार्टी के उम्मीदवारों का रक्तचाप बढ़ गया है।
यहां से पांच नामों पर चर्चा पिछले कुछ महिनों से चल रही है। जिसमें धनीराम बारसे, सोयम मुक्का, हुंगाराम मरकाम, संजय सोढ़ी व दीपिका सोरी का नाम स्थानीय से लेकर राजधानी तक चल रहा है, लेकिन इस बार इन पांचों के अलावा भी किसी और का नाम घोषित होगा तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। क्योंकि भाजपा उम्मीदवारों को लेकर अलग फार्मूला अपना रही है। खैर जो भी हो लेकिन कोंटा विधानसभा के उम्मीदवारों की धडक़ने तेज हो गई है।
भाजपा के नेता व पूर्व सांसद दिनेष कष्यप द्वारा ली गई बैठक में कुल 9 नामों पर चर्चा हुई लेकिन उसमें से पांच नाम टिकिट के लिए आगे भेजे गए। जिसमें धनीराम बारसे, सोयम मुक्का, हुंगाराम मरकाम, संजय सोढ़ी व दिपिका सोरी शामिल है।
धनीराम बारसे
सुकमा ब्लॉक के झापरा के रहने वाले धनीराम बारसे भाजपा के पुराने नेता व वर्तमान में जिला अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी निभा रहे हैं और वो दो बार चुनाव लड़ चुके हैं और दूसरे स्थान पर रहे हैं। साथ ही जिला पंचायत सदस्य रहे है और शबरी नदी के किनारे व ओडिशा सीमा से सटे इलाके में अच्छी पकड़ है। इसके अलावा भाजपा के स्थानीय संगठन में भी अच्छी पकड़ है और चुनाव लडऩे का अनुभव भी है।
सोयम मुक्का
कोंटा के निवासी है और सलवा जुडूम के लीडर के तौर पर उनकी छवि है। इसके अलावा दोरला जनजाति के होने के कारण कोंटा इलाके में अच्छी पकड़ है। वो शिक्षक भी रह चुके हंै। उनके पिताजी कोंटा विधानसभा के विधायक रह चुके हैं। पिछले बार दो बार से उम्मीदवारों की लिस्ट में उनका नाम रहता है। संगठन व स्थानीय लोगों में अच्छी पकड़ है।
हुंगाराम मरकाम
पूर्व जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा चुके हुंगाराम छिन्दगढ़ ब्लॉक के रहने वाले है। छात्रनेता के रूप में उनकी पहचान है और वो जिले के सबसे बड़े ब्लाक के रहने वाले है। स्थानीय लोगों में अच्छी पकड़ है।
संजय सोढ़ी
पूर्व जिला अध्यक्ष व विधान सभा चुनाव लड़ चुके स्व. बुधराम सोढ़ी के पुत्र है। वर्तमान में जिला मुख्यालय में निवासरत है। सर्व आदिवासी समाज में अच्छी पकड़ है और युवाओं के बीच उनकी अच्छी छवि है। बेबाक भाषण व मुद्दों को उठाते है। वर्तमान में भाजयुमो जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रहे हंै।
दीपिका सोरी
जिले के छिन्दगढ़ ब्लॉक की निवासी हंै, साथ ही भाजयुमो के प्रदेश पदाधिकारी के रूप में काम कर रही है। पेशे से वकील है और महिलाओं में उनकी अच्छी पकड़ है। छिन्दगढ़ ब्लॉक में सबसे ज्यादा सक्रिय है और लोगों की समस्याओं को लगातार उठा रही है। कोंटा विधानसभा में महिला मतदाताओं की संख्या ज्यादा है।