रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 8 सितंबर। एमजी रोड स्थित जैन दादाबाड़ी प्रांगण में चल रहे मनोहरमय चातुर्मास 2023 की प्रवचन श्रृंखला के दौरान शुक्रवार को नवकार जपेश्वरी साध्वी शुभंकरा श्रीजी ने कहा कि आज समय और समझ दोनों जिसके पास है, असल मायने में वही भाग्यशाली है। समय रहते जिस व्यक्ति में समझ आ गई, वह परम पद को भी प्राप्त कर सकता है। जिसने अपना समय खोकर समझ पाया है, वह बहुत ही दुर्भाग्यशाली होगा क्योंकि अब उसके पास अपनी समझ को अपनाने का समय नहीं होगा। समझ को परखने में समय लगता है जो अब उस व्यक्ति के पास नहीं है। अनुभवों से हम सीखते है और अनुभवी बनने के लिए समय लगता है। कम उम्र में ही संसार की माया को समझना ही असल समझदार बनना है।
साध्वीजी कहती हैं कि आज हर इंद्रियों के लिए अलग-अलग डॉक्टर होते है। पहले ऐसा नहीं होता था, एक ही डॉक्टर सभी समस्याओं को देखकर दवाई देता था। कई बार बहुत समय तक बीमारी ठीक नहीं होने पर मरीज को बड़े शहरों में भेजा जाता था तो पता चलता था कि उसे गंभीर बीमारी है जिसका इलाज उस डॉक्टर के हाथ में नहीं है, जो पहले उसका इलाज कर रहा था। ऐसे में देरी होती थी और मरीज की जान पर बात बन आती थी। अब आंख के लिए, दांत के लिए, कान के लिए, पेट के लिए, हार्ट के लिए, हड्डियों के लिए सभी अंगों के लिए अलग-अलग डॉक्टर है।
द्वितीय पर्युषण पर्व 12 से
मनोहरमय चातुर्मास समिति के अध्यक्ष सुशील कोचर और महासचिव नवीन भंसाली ने बताया कि द्वितीय पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व दादाबाड़ी में 12 सितंबर, से शुरू होने जा रहा है। इसी क्रम में पोथा एवं 5 ज्ञान के चढ़ावे 13 सितंबर को होगा और 14 सितंबर को पोथा बोहराना एवं कल्प सूत्र वांचन होगा। भगवान जन्म का वांचन 16 सितंबर, तथा संवत्सरी महापर्व 19 सितंबर, को मनाया जाएगा और इसी क्रम में सामुहिक क्षमायाचना 20 सितंबर, को किया जाएगा।