कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 8 सितंबर। किसान-शिक्षक से पपीता एवं केला पौधे के डिलीवरी पर कार एवं ट्रैक्टर के सब्सिडी के नाम पर 6 लाख 53 हजार रूपये की ठगी करने वाले ओडिशा के 4 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया।
पुलिस के अनुसार 31 जुलाई को प्रार्थी दिनेश बघेल निवासी पुसावण्ड कोण्डागांव के पास 4 व्यक्ति आये जिन्होंने अपने आपको सेन्ट्रल बायोटेक प्राईवेट लिमिटेड कम्पनी से आना बताये और प्रार्थी को अपनी कम्पनी का ऑफर बताये कि 200 पपीता पौधा के फसल पर लाखों का फायदा होगा तथा कम्पनी की ओर से पहले ग्राहक को कार 50 प्रतिशत की छूट पर देगी शेष रकम ग्राहक को देना होगा, तब प्रार्थी उनके झांसे में आ गया और उन्हें नगद 3,20,000 रूपये दे दिये।
इसी प्रकार एक अगस्त को बैजनाथ पोयाम निवासी झारा के पास भी 4 व्यक्ति बायोटेक प्राईवेट लिमिटेड कम्पनी से आना बताये और कम्पनी का ऑफर बताये कि 100 केला का फसल लगाने से लाखों का फायदा होगा तथा हमारी कम्पनी की ओर से ट्रैक्टर खरीदी पर 50 प्रतिशत सब्सिडी देने की योजना है। जिस पर बैजनाथ पोयाम उनके झांसे में आकर सब्सिडी में महेन्द्रा ट्रैक्टर हेतु 3 लाख 33 हजार दे दिया।
दिनेश बघेल व बैजनाथ पोयाम के द्वारा कार व ट्रैक्टर खरीदी के नाम पर कुल जुमला रकम 6 लाख 53 हजार रूपये दिया गया। किन्तु कुछ दिनों बाद उन्हें जब कार व ट्रैक्टर नहीं मिला, तब ठगे जाने का एहसास हुआ जिसके बाद उनकी रिपोर्ट पर थाना कोण्डागांव में धारा 420 भादवि कायम कर विवेचना में लिया गया।
पुलिस अधीक्षक वाय. अक्षय कुमार के निर्देशन में अति. पुलिस अधीक्षक दौलत राम पोर्ते के मार्गदर्शन में पुलिस अनुविभागीय अधिकारी कोण्डागांव निमितेश सिंह के नेतृत्व में उक्त अपराध के त्वरित निराकरण हेतु थाना कोण्डागाव व सायबर सेल की संयुक्त टीम गठित की गई।
संयुक्त टीम के द्वारा तकनीकी साक्ष्य एवं अन्य साक्ष्य के आधार पर आरोपियों की पहचान की गई। सभी आरोपी ओडिशा प्रांत का होना पाया गया। तत्काल टीम को जिला केन्द्रपड़ा ओडिशा राज्य रवाना किया गया जहां रंजन धाल (42 वर्ष), प्रकाश कुमार धाल (25 वर्ष), निर्मलचन्द्र समल (25 वर्ष), नारायण समल ( 44 वर्ष) सभी निवासी ग्राम कोरंदा राजकनीका जिला केन्द्रपाड़ा ओडिशा में मिले। पूछताछ पर दिनेश बघेल व वैजनाथ पोयाम से धोखाधड़ी करना स्वीकार किये।
आरोपियों ने ठगी की रकम 1 लाख 61 हजार रूपये बरामद कराये। आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा जा रहा है।