कोण्डागांव
तत्कालीन रेंजर, दो कर्मी और ठेकेदार को 3-3 साल की सजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोंडागांव, 21 सितंबर। दक्षिण वनमंडल कोण्डागांव अंतर्गत वन परिक्षेत्र नारंगी के तत्कालीन रेंजर, उनके अधीनस्थ 2 कर्मचारी और ठेकेदार पर शासकीय रकम को फर्जी तरीके से गबन करने का आरोप लगा था। न्यायालय में सभी आरोपियों पर दोष सिद्ध हो चुका है। न्यायालय ने चारों आरोपियों को तीन-तीन साल जेल और अर्थ दंड की सजा सुनाई है।
मामले का खुलासा करते हुए शासन की ओर से पैरवी करने वाली सहायक जिला अभियोजक अधिकारी निधि यादव ने बताया कि, सिटी कोतवाली कोण्डागांव पुलिस ने 2 मार्च 2014 को दक्षिण वन मंडल के वन परिक्षेत्र नारंगी रेंजर सह प्रभारी दहीकोंगा रेंजर ललित दुबे, अधीनस्थ कर्मचारी लुदरू राम सूर्यवंशी और सुनील चंद मिश्रा और ठेकेदार नारायण देवांगन के विरुद्ध आईपीसी की धारा 420, 467, 463, 471 और 409 का अपराध पंजीबद्ध किया था। इन सभी पर आरोप लगा था कि, इनके माध्यम से कोण्डागांव के दहीकोंगा वन परिक्षेत्र अंतर्गत डोंगरीगुड़ा के कक्ष क्रमांक पी 795 में पर्यटन वाटिका निर्माण का कार्य किया जा रहा था। निर्माण कार्य के दौरान मृत व्यक्ति लक्ष्मण देवांगन के नाम से फर्जी हस्ताक्षर करते हुए 2 लाख 47 हजार 200 रुपए का गबन किया गया। जबकि मृत व्यक्ति लक्ष्मण देवांगन की मृत्यु 2 दिसंबर 2008 को ही हो चुकी थी। न्यायालय में कोतवाली पुलिस ने समस्त दस्तावेज के साथ प्रकरण को प्रस्तुत किया गया था, जिसके चलते यह सिद्ध हो गया कि, रेंजर ललित दुबे, लुदरू राम सूर्यवंशी, सुनील चंद मिश्रा ने नारायण देवांगन के साथ मिलकर लक्ष्मण देवांगन का फर्जी हस्ताक्षर करते हुए 2 लाख 47 हजार 200 रुपए का फर्जीवाड़ा किया है।
फर्जीवाड़ा का मामला सिद्ध होने पर कोण्डागांव के मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी शिव प्रकाश त्रिपाठी न्यायालय ने सभी को तीन वर्ष जेल का सजा सुनाया है। साथ ही अर्थदंड की भी सजा सुनाई गई है।