कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 11 अक्टूबर। नालसा (राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण) एवं सालसा (राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण) के दिशा निर्देश अनुसार उत्तरा कुमार कश्यप जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोण्डागांव के मार्गदर्शन एवं निर्देशानुसार अम्बा शाह न्यायाधीश एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोण्डागांव के नेतृत्व में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर 10 अक्टूबर को सामाज सेवी संस्था करूणा भवन चिखलपुटी कोण्डागांव एवं शांति फाउंडेशन पुनर्वास केन्द्र कोण्डागांव में विधिक साक्षरता जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
शिविर के माध्यम से उक्त संस्था में रह रहे मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्तियों को यह जानकारी दी गई कि मानसिक बीमार व्यक्ति भी मानवीय अधिकारों और स्वतंत्रता के हकदार हैं।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली की नालसा (मानसिक रूप से बीमार और मानसिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए विधिक सेवाएं) योजना 2015 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्तियों के विधिक अधिकार, उपचार, व्यक्ति की संपत्ति की देखभाल और आपराधिक मामलों में धारा 328, 329 दण्ड प्रक्रिया संहिता के बारे में चर्चा की।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अधिकारियों ने योजना की जानकारी देते हुए बताया कि मानसिक अशक्तता ग्रस्त व्यक्ति, मानसिक बीमार व्यक्ति नहीं है। और सभी संस्थाओं को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि मानसिक बीमारी, उचित दवाई और देखरेख से ठीक हो सकती हैं। साथ ही मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति सभी मानवीय अधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता के हकदार है।
उनके साथ मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति के कारण भेदभाव नहीं करना चाहिए, बल्कि उनके साथ अत्यंत संवेदनशीलता और देखभाल के साथ व्यवहार करना चाहिए। इस प्रकार के अशक्त व्यक्तियों को मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम 1987 की धारा 23 के तहत थाने के प्रभारी अधिकारी ही पकड़ सकते हैं। अधिनियम की धारा 25 के तहत मानसिक बीमार व्यक्ति की उचित देखरेख नहीं होने और उसकी सुरक्षा खतरे में होने पर कोई भी व्यक्ति संबंध में अपनी रिपोर्ट दण्डाधिकारी को कर सकते हैं।
स्वास्थ्य विभाग के द्वारा मानसिक स्वास्थ्य के संदर्भ में बताया गया कि मानसिक स्वास्थ्य, तनाव और अपने भावनाओं को व्यक्त करने के बारे में बताया उन्होंने कहा कि अच्छे मित्रों को साझा करे, अपनी परेशानियों को अवगत कराएं, खुश रहें और मानसिक दशा में स्वास्थ्य विभाग से संपर्क कर सकते हैं।
संस्था में रह रहे व्यक्तियों को मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े खेल गतिविधियों के माध्यम से तनाव, हिंसा और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े दिक्कतों से निपटने के उपाय के संबंध में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा विधिक सहायता योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई और मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्तियों को फल वितरण किया गया और सभी लोगों का स्वास्थ्य में सुधार होने की कामना की गई।
इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से प्रतिधारक अधिवक्ता सुरेन्द्र भट्ट एवं पैरालीगल वालंटियर सुनील कुमार मरकाम, रविन्द्र कुमार बद्येल एवं उक्त संस्थाओं से संस्था प्रभारी उपस्थित रहे।