रायगढ़

इतिहास में पहली बार जिला जेल के अंदर बंदियों ने परीक्षा दी
15-Oct-2023 1:46 PM
इतिहास में पहली बार जिला जेल के अंदर बंदियों ने परीक्षा दी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 15 अक्टूबर।
कहने को तो जेल अपराधियों को सुधारने के नाम से जानी जाती है, लेकिन जेल के भीतर सजा काटने वाले अधिकतर युवा या वे लोग जिन्होंने अंजाने में अपराध करके अपनी जिंदगी को अंधेरे में डालकर यह सोचा था कि उन्हें अब शायद दोबारा अपना कैरियर बनाने का मौका नहीं मिलेगा तो ऐसा नहीं है। रायगढ़ जिला जेल के भीतर अब उन बंदियों को सुधरने के साथ-साथ एक ऐसा अवसर दिया जाता है जिससे वे अपने कैरियर में बदलाव लाने के साथ-साथ नई जिंदगी की शुरूआत कर सकते हैं। वह है परीक्षा में किस्मत आजमाने का मौका जो जेल के भीतर पढ़ाई करते हुए परीक्षा के माध्यम से सफलता को प्राप्त किया जा सकता है।

पहली बार जेल के भीतर ओपन परीक्षा

जिले के कलेक्टर ने अपने निरीक्षण के दौरान यह पाया था कि यहां आने वाले अधिकतर युवा या वे लोग जिनकी पढ़ाई अधूरी रह गई थी और अपराध के कारण वे जेल में निरूद्ध, जिन्हें आगे बढऩे के लिये कोई राह नहीं सुझ रही थी, तब उन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ जेल के भीतर ही परीक्षा दिलवाने की बड़ी पहल की। 

कलेक्टर ने छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के ओपन परीक्षा विभाग से संपर्क करके यहां परीक्षा की शुरूआत की। जून और जुलाई माह में जेल के इतिहास में पहली बार आयोजित ओपन परीक्षा में जिला जेल के दर्जनों निरूद्ध बंदियों में अपना भाग्य आजमाया और 10-12 की परीक्षा दी। कई बंदी ऐसे भी है जो परीक्षा तो देना चाहते हैं परंतु 10 एवं 12 वीं के मापदंड के कारण अनपढ़ बंदियों के आवेदन निरस्त कर दिया। जिसके कारण अनपढ़ बंदी राज्य ओपन परीक्षा से वंचित हो गए। खास बात यह है कि राज्य ओपन परीक्षा के मापदंड के अनुसार 10वीं एवं 12 की परीक्षा में पढ़ा लिखा होना जरूरी है।

पहले इग्नू के माध्यम से होती थी परीक्षा

इस संबंध में जिला कलेक्टर बताया कि जेल भीतर पहले इग्नू के माध्यम से कुछ बंदियों को मौका मिलता था और जब उन्होंने जेल अधीक्षक एसपी कुर्रे से जानकारी ली तब उनको होने वाली परेशानी समझ कर सीधे माध्यमिक शिक्षा मंडल से संपर्क करके इस राह को आसान किया। चूंकि इससे पहले जिला जेल में अब तक इग्नू द्वारा आयोजित परीक्षा में निरूद्ध बंदी अपना भाग्य आजमा रहे थे, परंतु इस साल से जिला जेल में राज्य ओपन परीक्षा की शुरूआत कर दिया गया है। जिसमें 91 निरूद्ध बंदियों ने परीक्षा तकरीबन 101 अंडर ट्रायल दी तथा एक बंदी का फार्म रिजेक्ट हो गया। जबकि 12 वीं की परीक्षा में मात्र 10 व 10वीं में 12 ने परीक्षा दी। 

परीक्षा के मापदंड में खरे उतरना जरूरी

जेल अधीक्षक एसपी कुर्रे ने बताया कि रायगढ़ जिला जेल के भीतर वर्ष 2022-23 के जुलाई अगस्त माह में आवेदन पत्र स्वीकृत करने की अनुमति प्रदान की साथ ही साथ आवेदन प्रक्रिया पूरी होनें के बाद जेल में निरूद्ध बंदियों को परीक्षा देने का मौका दिया गया। 

जेल अधीक्षक के अनुसार 92 निरूद्ध बंदियों ने राज्य ओपन परीक्षा के लिये फार्म भरा था, जिसमें 91 निरूद्ध बंदियों ने परीक्षा दी तथा एक बंदी का फार्म रिजेक्ट हो गया। जबकि 12वीं की परीक्षा में मात्र 10 निरूद्ध बंदी ही बैठे। इसमें बताया जा रहा है कि राज्य ओपन परीक्षा में पढ़े लिखे निरूद्ध बंदी ही परीक्षा दे सकते हैं मसलन कम से कम पांचवीं, आठवीं तक पढ़ा लिखा होना चाहिए अन्यथा परीक्षा में भाग नहीं लिया जा सकता है।  

पहली बार परीक्षा हुई आयोजित

कलेक्टर के अनुसार माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर द्वारा दी गई अनुमति के बाद पहली बार जेल के भीतर से राज्य ओपन परीक्षा का संचालन किया गया, इसमें दसवीं के 91 तथा 12वीं के 10 बंदियों को परीक्षा में शामिल करके उन्हें पढ़ाई के माध्यम से अपना कैरियर बनाने का मौका दिया गया। जिला जेल के 101 अंडर ट्रायल बंदियों ने राज्य ओपन परीक्षा में भाग लिया था। परीक्षा कल आयोजित किया गया था। इसमें एक बंदी का फार्म रिजेक्ट हो गया। राज्य ओपन परीक्षा जिला जेल में पहली बार आयोजित हुई थी।   
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