बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 29 नवंबर। छत्तीसगढ़ में एक नवम्बर से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी प्रारंभ हो गई है। 28 दिन खरीदी को हो गए है। इस बीच जिला सहकारी बैंक लवन के शाखा लवन के 11 समिति केन्द्रों में 8 हजार क्विंटल धान की खरीदी हो गई है।
हालांकि इन खरीदी केन्द्रों में से कोयदा मुंडा व सिरियाडीह में अब तक बोहनी नहीं हो पाई है। वहीं पिछले दो-तीन दिनों से मौसम के बदले मिजाज ने किसानों के माथे पर परेशानी की लकीरें खींच दी है। बारिश की संभावना के चलते किसान अपनी उपज को समेटने में लगे हुए हैं।
गौरतलब हो कि मौजूदा समय में खरीफ सीजन की मुख्य फसल की कटाई-मिंजाई में किसान लगे हुए हंै। हालांकि कुछ किसानों के द्वारा धान की कटाई कर फसल को सुखाने के लिए खलिहानों में रखे हुए है। वहीं, मंगलवार को सुबह से पूरे दिन तक मौसम में बदलाव होने के चलते ठंड का असर देखने को मिला। लोग ठंड से बचने गर्म कपड़ों में ढके नजर आये। बादल छाने की वजह से बारिश की संभावना बनी हुई है।
ज्ञात हो कि धान खरीदी का कार्य शुरू हुए 28 दिन बीते गये है, लेकिन अभी तक 8 हजार क्विंटल ही धान की खरीदी लवन शाखा से हो पाई है। कुछ धान खरीदी केन्द्रों में अभी तक बोहनी तक नहीं हो पाई है। इस वर्ष धीमी खरीदी का मुख्य कारण चुनावी घोषणाओं को भी माना जा रहा है।
कई उपार्जन केन्द्रों में महज 100 से 200 क्विंटल तक ही खरीदी हो पाई है। वहीं कुछ केन्द्रों में अभी तक सन्नाटा पसरा हुआ है। हालांकि वहां के प्रबंधकों के द्वारा टोकन काट लिया गया है, लेकिन मौसम की स्थिति को देखते हुए खरीदी शुरू नहीं कर पाये हंै।
एक तरफ किसान धान की कटाई व मिंजाई में व्यस्त नजर आ रहे हंै, वहीं, दूसरी तरफ किसान मौसम की मार को झेलते दिख रहे हंै। जिन किसानों के द्वारा धान की कटाई कर लिये हैं, उन किसानों के द्वारा फसल को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
अधिकांश किसानों के धान की फसल लेट गई है, जिन्हें कटाई-मिंजाई कराने में अतिरिक्त लागत व समय लग रहा है, किसान हार्वेस्टर मशीन से धान की कटाई-मिंजाई कराने के इंतजार में दिख रहे हंै। जिसके चलते धान की खड़ी फसल लेट जा रही है। लेटी हुई फसल को कटाई कराने के लिए किसानों को अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है।
जिला सहकारी बैंक लवन के शाखा प्रबंधक शिव साहू का कहना है- आज मैं किसी काम के चलते बिलासपुर आया हूं। लवन शाखा के उपार्जन केन्द्रो में जहां-जहां धान की खरीदी हो गई है, वहां के तिरपाल से धान को अच्छे से ढक दिया गया है। और अधिक जानकारी के लिए सुपरवाइजर से सम्पर्क कर जानकारी ले सकते हैं।