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श्याम बिहारी जायसवाल का जपं से मंत्री तक का सफर
25-Dec-2023 2:47 PM
श्याम बिहारी जायसवाल का जपं से मंत्री तक का सफर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
चिरमिरी , 25 दिसंबर ।
छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनने के बाद 21 दिसंबर को मंत्रिमंडल का भी विस्तार हो गया। नौ कैबिनेट मंत्रियों में से 4 नाम ही पुराने रहे, बाकी सब नए विधायकों को मौका दिया गया, जिसमें से दूसरी बार के विधायक रहे श्याम बिहारी जायसवाल को भी विभाजित कोरिया जिले के मनेन्द्रगढ़ विधानसभा से मौका मिला।

मनेन्द्रगढ़ विकासखंड से दूसरे विधायक हैं श्याम बिहारी जायसवाल, इससे पहले कांग्रेस से गुलाब सिंह विधायक रह चुके हैं पर मंत्री नहीं बने थे, पर श्याम बिहारी जायसवाल को दूसरी बार विधायक बनने पर मंत्रिमंडल में जगह मिली।

श्याम बिहारी जायसवाल का राजनीतिक सफर काफी सादा व सरल रहा, पहली बार में ही वह जनपद उपाध्यक्ष बने और पहली बार ही प्रत्याशी चुने जाने पर विधायक बने। दूसरी बार उन्हें सत्ता विरोधी लहर की वजह से हार का सामना करना पड़ा, तीसरी बार जब इन्हें फिर मौका मिला तो इन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी को हराकर एक बार फिर विधायक बनने का अवसर पाया और इस बार विधायक बनने पर पार्टी ने भी इन पर बड़ा भरोसा जताते हुए इन्हें मंत्रिमंडल में जगह दी।

श्याम बिहारी जायसवाल सरल व सादगी पूर्ण जीवन जीने वाले व्यक्ति हैं। यही वजह है कि इनका जनता से जन सरोकार काफी अच्छा है। ऐसा माना जाता है कि इन्हें पहली बार जब विधायक प्रत्याशी चुना गया था, उस समय उनके समर्थन में पूर्व कैबिनेट मंत्री भईयालाल राजवाड़े थे।

एक बार इन्हें भईयालाल राजवाड़े ने अपने पसंद से विधायक बनाया, उसके बाद से यह खुद अपने क्षेत्र में मेहनत करते नजर आते है और लोगों का भरोसा जीतते दिखे जाते हैं।
 मनेंद्रगढ़ विधानसभा से दूसरी बार विधायक चुने गए श्याम बिहारी जायसवाल को इस बार साय केबिनेट में कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिल सका है। उनको कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिलते ही मनेंद्रगढ़ विधानसभा सहित एमसीबी जिले में खुशी की लहर देखने को मिली क्योंकि पहली बार इस विधानसभा से किसी को मंत्री बनने का मौका मिला है वहीं इसके पहले संयुक्त कोरिया जिला रहते हुए हमेशा बैकुंठपुर विधायक को मौका मिलता चला आ रहा था।

जीवन संघर्ष भरा रहा
श्याम बिहारी जायसवाल ने अपने अब तक के राजनीतिक जीवन में कभी भी अपने परिवार और जीवन की विकट परिस्थितियों को जनता के सामने लाकर वोट के लिए राजनीतिक लाभ नहीं लिया, उन्होंने कभी भी इस बात को साझा नहीं किया कि वे परिवार चलाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों के विभिन्न साप्ताहिक बाजारों के समीप पगडंडियों के किनारे फट्टी लगाकर, बोरा पर बैठकर कृषि उपज एवं वनोपज में महुआ, डोरी, इत्यादि ग्रामीणों से अल्प मात्रा में खरीदकर परिवार चलाते थे, इसी के बीच वे पढ़ाई भी करते थे।

वे अपने गांव रतनपुर से ही प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद, बैकुंठपुर विधानसभा में स्थित ग्राम तामडांड से पूर्व-माध्यमिक शिक्षा 8 वी तक ग्रहण किये, तत्पश्चात वे हाइस्कूल-हायर सेकंडरी की शिक्षा ग्राम खडग़वां से और उच्च शिक्षा शासकीय लाहिड़ी महाविद्यालय चिरमिरी से एमएससी (रसायन शास्त्र) किये।

पहली बार जनपद चुनाव बिना घरवालों की मर्जी से लड़ा
श्याम बिहारी जायसवाल की किस्मत भी गजब की थी, कभी इन्होंने सोचा नहीं था कि उनका राजनीति में प्रवेश होगा, अचानक भाजपा से जनपद सदस्य का फॉर्म भरा और घरेलू विवाद के बावजूद बिना घर वाले की मर्जी उन्होंने चुनाव लड़ा और पहली बार में ही उन्हें जीत मिली और जीत मिलने के बाद निर्विरोध उपाध्यक्ष भी चुने गए, यह भी एक अजीबोगरीब इत्तेफाक था। जहां से इनकी पृष्ठभूमि राजनीतिक बनी और इसके बाद में पहली बार विधानसभा लडऩे का मौका मिला और उन्होंने पहली विधानसभा चुनाव में भी जीत दर्ज की और 5 साल का कार्यकाल पूरा किया।

भईयालाल राजवाड़े ने दी बधाई, कहा क्षेत्र के लिए बड़ी उपलब्धि
श्याम बिहारी जायसवाल को कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिलने पर बैकुंठपुर विधायक भईयालाल राजवाड़े ने उन्हे बधाई दी है, वहीं उन्होंने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि यह क्षेत्र के लिए बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने यह भी कहा की श्याम बिहारी जायसवाल को जो बड़ी जिम्मेदारी मिली है वह वह बखूबी निभाएंगे और वह पूरे क्षेत्र के लिए बेहतर सोच के साथ काम करेंगे उन्हे विश्वास है।
 

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