मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 31 दिसम्बर। नाबालिग पीडि़ता को शादी का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म किए जाने के जुर्म में दोषसिद्ध पाए जाने पर अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी (पॉक्सो) मनेंद्रगढ़ आनंद प्रकाश दीक्षित की अदालत ने अभियुक्त को अलग-अलग धाराओं में 20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक जीएस राय ने जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी एक जुलाई 2020 की रात्रि में पीडि़ता को भगाकर अपने चाचा के सूने मकान में ले गया और वहां शादी का झांसा देकर जबरन उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया।
मामले में पीडि़ता के पिता की शिकायत के आधार पर केल्हारी पुलिस द्वारा आईपीसी और पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज कर अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया। न्यायाधीश ने आरोपी धनीराम उर्फ पप्पू गोंड़ (33)शहडोल (मप्र)के दोषसिद्ध पाए जाने पर धारा 363 के अपराध में 2 वर्ष, धारा 366 के अपराध में 5 वर्ष एवं धारा 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के अपराध में 20 वर्ष सश्रम कारावास के साथ सभी धाराओं में अर्थदंड से भी दंडित किया गया।