बलौदा बाजार
35 गांव से गुजरेगी लाइन, आम चुनाव से पहले भूमिपूजन संभव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार,2 जनवरी। प्रदेश में अब डबल इंजन की सरकार आने से प्रस्तावित खरसिया बलौदा बाजार नया रायपुर दुर्ग रेल लाइन निर्माण बाधा दूरी होती दिखाई दे रही है। रेल मंत्रालय ने इस प्रोजेक्ट को अपनी सैद्धांतिक सहमति दे दी है।
जिस तरह 2019 लोकसभा चुनाव के पहले केंद्र के मोदी सरकार ने कवर्धा डोंगरगढ़ कॉरिडोर का भूमिपूजन किया था। संभावना है इस तरह क्षेत्र की इस बहुप्रतीक्षित रेलवे लाइन का भी भूमिपूजन लोकसभा चुनाव के पहले हो जाएगा। वहीं सीएम विष्णु देव साय ने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से चर्चा की थी। सूत्रों की माने तो जारी बैठकों के बाद जल्द ही कुछ और स्थितियां स्पष्ट हो जाएगी।
उल्लेखनीय है कि खरसिया से शुरू होकर शिवरीनारायण बलौदा बाजार खरोरा नया रायपुर होते हुए परमलकसा तक 325 किलोमीटर लंबी रेल वे रेलवे लाइन बिछाई जाएगी, जो जिला मुख्यालय व पलारी तहसील के 35 गांव से होकर गुजरेगी। परियोजना में केंद्र और राज्य सरकार ने अपनी अपनी भागीदारी तय की थी।
परियोजना की निर्माण लागत लगभग 4250 करोड़ व कुल लागत 8250 करोड़ रुपए है। जिसमें भूमिपूजन की लागत परियोजना अवधि के लगने वाला ब्याज व प्राइस एक्सीलेंस अन्य व्यय सम्मिलित है। परियोजना को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत क्रियान्वित किया जाना है ताकि ट्रैक बनने में आने वाले खर्च का बोझ कम हो सके।
2017 में नए ट्रैक का प्रस्ताव बजट में लाए थे
करीब 6 साल पहले इस नए ट्रैक का प्रस्ताव केंद्र सरकार बजट में लाई थी। रेल मंत्रालय द्वारा सैद्धांतिक सहमति 2017 को प्राप्त हुई थी। इसके बाद सर्वेक्षण किया खरसिया बलौदा बाजार नया रायपुर रसमडा रेल लाइन परियोजना के लिए रिपोर्ट तैयार कर भारतीय रेलवे बोर्ड व रेल मंत्रालय को जुलाई 2018 में परियोजना स्वीकृत के लिए प्रेषित की गई थी।
नए साल में काम शुरू होने की उम्मीद
इस रेल लाइन परियोजना को लेकर बताया कि राज्य में नई सरकार बनते ही मुख्यमंत्री ने केंद्रीय रेलवे मंत्री से क्षेत्र की प्रस्तावित रेल लाइन के संबंध में चर्चा की है। उम्मीद है नए वर्ष में इसके निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगा।
समस्या से बचने रूट में किया परिवर्तन
तकनीकी व परिचालन संबंधित समस्याओं को ध्यान में रखते हुए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के साथ चर्चा कर छत्तीसगढ़ रेलवे कॉरपोरेशन द्वारा रेल मार्ग में आंशिक संशोधन करते हुए नए रूट का प्रस्ताव छत्तीसगढ़ शासन को प्रेषित किया गया था। नए रूट में रेल लाइन नया रायपुर क्षेत्र के अंदर से गुजरते हुए परमला कसा रेलवे स्टेशन पर टर्मिनेट होना प्रस्तावित था।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा ट्रेनों के सुचारू रूप से परिचालन के लिए प्रस्ताव दिया गया की रेल मार्ग नया रायपुर क्षेत्र के बाहर से ले जाया जाए ताकि रेल मार्ग में पढऩे वाले सरफेस क्रॉसिंग को टाला जा सके। लंबित प्रक्रिया के बाद राज्य सरकार ने जनवरी में डीपीआर पर अपनी सहमति देकर इसे भारतीय रेलवे बोर्ड को सेशन के लिए भेजा था।