बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 20 अप्रैल। बलौदाबाजार निर्माण के 12 वर्ष होने के बावजूद जिला चिकित्सालय में अब तक सामान्य अथवा गंभीर रूप से झुलसे मरीजों को बर्न यूनिट की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाई है। इन परिस्थितियों में प्राथमिक उपचार उपरांत मरीज को रायपुर रिफर कर दिया जाता है। रास्ते में आवश्यकता अनुसार पर्याप्त चिकित्सा नहीं मिलने एवं रायपुर तक पहुंचने में होने वाले विलंब के चलते कई अवसरों पर मरीज को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है।
विदित को कि आए दिन विभिन्न ग्रामों से सामान्य व गंभीर झूम से मरीजों को लेकर उनके परिजन इलाज की आस लिए जिला चिकित्सालय पहुंचने हैं, परंतु यहां पहुंचकर उन्हें अपनी बेबसी का पता चलता है क्योंकि करीब 200 बिस्तर युक्त जिला चिकित्सालय में गंभीर झुलसे हुए मरीज के इलाज के लिए समुचित सुविधा उपलब्ध नहीं है। यद्यपि आमजनों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए जिला चिकित्सालय परिसर के ऊपरी तल पर बर्न यूनिट का निर्माण प्रारंभ किया गया था परंतु अभी तक या पूर्ण नहीं हो सका है।
यूनिट के संचालन हेतु यहां पर्याप्त चिकित्सा एवं संसाधन का भी अभाव है। यदि किसी तरह मरीज का इलाज संभव भी है तो यहां प्लास्टिक सर्जन भी उपलब्ध नहीं है। अस्पताल सूत्रों के अनुसार प्रत्येक वर्ष बर्निंग के मामले में 15 से 20 व्यक्ति की असमय मौत समुचित इलाज के अभाव में हो जाती है। इसमें विशेष कर ऐसे गंभीर मरीज शामिल होते हैं जिन्हें त्वरित इलाज मिलना निहारत आवश्यक होता है परंतु रायपुर रेफर किया जाने के बाद अक्सर रास्ते में उन्हें भयावाह तकलीफों से जूझना पड़ता है।
ऐसा ही मामला फरवरी में बलौदाबाजार में भी घटित हुआ था जहां एक मोहल्ले की झोपड़ी में शरारती तत्वों द्वारा आग लगा दिए जाने के चलते चार व्यक्ति गंभीर रूप से झुलस गए थे जिनमें घायल महिला को रायपुर लेकर जाने के दौरान रास्ते में ही मौत हो गई थी। पूर्व में भी कई ऐसे कई मामले सामने आते रहते हैं। इसके बावजूद इस दिशा में अपेक्षित पहल नहीं हो पाई है। अत: जिला चिकित्सालय स्थित पर बर्न यूनिट को तत्काल प्रारंभ किया जाना जनहित में अति आवश्यक प्रतीत होता है।
बर्न यूनिट का निर्माण लगभग पूर्ण-सीएमएचओ
बर्न यूनिट निर्माण के संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बलौदाबाजार से चर्चा किए जाने पर उन्होंने बताया कि बर्न यूनिट का निर्माण लगभग पूर्ण हो चुका है और केवल फिनिशिंग का काम ही बचा हुआ है। यूनिट को आवश्यक उपकरणों से लैस करने की पूरी तैयारी की जा रही है। शीघ्र ही जिला के ऐसे मरीजों को किसका लाभ मिलने की उम्मीद है।