बिलासपुर
पीडि़त पिता ने पीएम, सीएम से लगाई गुहार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 30 जनवरी। अपोलो अस्पताल में लापरवाही से हुई युवक की मौत के मामले में आरोपी डॉक्टरों का लाइसेंस निलंबित करने की मांग करते हुए पीडि़त पिता ने आरोप लगाया है कि जांच में पुलिस की भूमिका संदिग्ध है। इस संबंध में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री से उन्होंने गुहार लगाई है।
मालूम हो कि करीब 7 साल पहले आदर्श कॉलोनी दयालबंद के गुरुवीन छाबड़ा उर्फ गोल्डी की अपोलो हॉस्पिटल में मौत हो गई थी। हाई कोर्ट के आदेश पर इलाज में लापरवाही और साक्ष्य छुपाने के आरोप में सरकंडा पुलिस ने अपोलो अस्पताल के डॉक्टर देवेंद्र सिंह डॉक्टर राजीव लोचन भांजा डॉ सुनील कुमार केडिया और डॉक्टर मनोज राय के खिलाफ अपराध दर्ज किया था। पुलिस ने सभी डॉक्टरों को गिरफ्तार किया था और जमानत पर रिहा किया। हाई कोर्ट ने अपोलो प्रबंधन के खिलाफ भी कार्रवाई करने का निर्देश दिया था लेकिन अभी तक उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
प्रधानमंत्री, प्रदेश के मुख्यमंत्री, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव, राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग, राज्य के विधि विधायी मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री सहित अन्य अधिकारियों को लिखे गए पत्र में गुरुवीन छाबड़ा के पिता परमजीत सिंह छाबड़ा ने कहा है कि पुलिस की भूमिका संदेशस्पद है क्योंकि अपोलो अस्पताल प्रबंधन उसके पुत्र की असामयिक मृत्यु के लिए जिम्मेदार है और उसके खिलाफ पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। पत्र में मांग की गई है कि आरोपी चारों डॉक्टरों का लाइसेंस मामले के निपटारे तक निलंबित किया जाए, ताकि चिकित्सकीय लापरवाही की पुनरावृत्ति न हो। साथ ही सरकारी और गैरसरकारी संस्थाओं के साथ अपोलो अस्पताल का अनुबंध भी निलंबित रखा जाए। हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार अपोलो प्रबंधन पर कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाए।