दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 2 फरवरी। इस वर्ष 2024 में दुर्ग वन मंडल के अंतर्गत बेमेतरा जिले का गिद्धवा परसदा पक्षी अभ्यारण्य के अंतरराष्ट्रीय रामसर साइट में शमिल होने का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, लेकिन इस वर्ष भी रामसर साइट में शामिल न होने से हम पर्यावरण प्रेमियों एवं पक्षी प्रेमियों को अत्यंत निराशा हुई है।
ग्रीन केयर सोसायटी इंडिया के अध्यक्ष डॉ. विश्वनाथ पाणिग्राही ने कहा कि गिद्धवा परसदा में रामसर साइट में मान्यता प्राप्त करने लगभग सभी अंतरराष्ट्रीय पात्रताएं विद्यमान है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा इसके लिए कमेटी का गठन भी किया है। यह हमारे लिए दुर्भाग्य जनक है कि अभी तक हमारे छत्तीसगढ़ का एक भी वेटलैंड रामसर साइट में शमिल नहीं हो पाया है।
हमारे पारिस्थितिकी के महत्वपूर्ण। प्रवासी पक्षियों का हर वर्ष हमारे देश में आना होता है जो पारिस्थितिकी में बहुत बड़ा योगदान है। हमारे देश में यूरोप ,मंगोलिया ,उत्तरी चीन ,दक्षिणरूस, साइबेरिया ,उत्तरी,अमेरिका ,आस्ट्रेलिया ,आफ्रीका ,इंडोनेशिया ,ईरान, म्यांमार, थाईलैंड एवं अन्य देशों से 240 से अधिक प्रजाति के प्रवासी पक्षी आते हैं। बड़ी संख्या में विभिन्न प्रजाति के पहर वर्ष गिद्धवा परसदा आते हैं। इनका संरक्षण भी बहुत बहुत जरूरी है।
विश्व वेटलैंड दिवस के संदर्भ में गिद्धवा परसदा का भ्रमण कर इस कड़ी में ग्रीन केयर सोसायटी इंडिया ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय एवम वन मंत्री केदार कश्यप से पुन: मांग की है कि दुर्ग वन मंडल अंतर्गत बेमेतरा जिले के गिद्धवा - परसदा बर्ड सेंचुरी को रामसर साइट में शामिल करें।
ग्रीन केयर अध्यक्ष डॉ. विश्वनाथ पाणिग्राही एवं संस्था के डायरेक्टर एवं सीओओ अमूजूरी विश्वनाथ ने विश्व वेटलैंड दिवस के परिप्रेक्ष्य में गिद्धवा - परसदा का भ्रमण कर संयुक्त विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि गिद्धवा परसदा पक्षी अभ्यारण्य में वह सभी संभावनाएं मौजूद हैं जो रामसर साइट की अंतरराष्ट्रीय मापदंडों को भी पूरा करता है ।
वन विभाग द्वारा जनता के साथ हर वर्ष पक्षी उत्सव मनाया जाता है। 2 फरवरी को इस वर्ष भी पक्षी उत्सव का आयोजन किया गया है। यहां की जनता भी पक्षी प्रेमी हैं। प्रवासी पक्षियों को अतिथि मानते है तथा इनका संरक्षण करते हैं। ग्रामवासी यह नारा भी बुलंद करते हैं। हमर चिरई हमर चिन्हारीहमन करबो ओकर रखवारी। हमारी संस्था ग्रीन केयर सोसायटी के सदस्य अनेक बार यहां आकर जन जागरूकता किए हैं।
डॉ.पाणिग्राही ने बताया कि हमारे छत्तीसगढ़ प्रदेश में 11 वेटलैंड साइट चिन्हित किए गए हैं, लेकिन अभी तक एक भी साइट रामसर साइट में शामिल नहीं हो सका है। यह अवसर है मापदंडों के अनुरूप गिद्धवा परसदा को रामसर साइट में शामिल करने के लिए दावा को पुन: प्रबलता के साथ प्रस्तुत करने का। साथ ही ग्राम गरियाबंद जिले के ग्राम लचकेरा जो बघनई नाला ,केचुवा नाला एवं सुखा नाला से घिरा है इस गांव में लाखों की संख्या में आते हैं वर्षाकाल में रहते हैं ,वंशवृद्धि पश्चात नवंबर महीने में वापस चले जाते हैं। अत: बघनई भी वेटलैंड सूची में दर्ज हो। इस वर्ष विश्व वेटलैंड की थीम वेटलैंड एंड ह्यूमन वेलबीइंग है।