कोण्डागांव

अंतरिम बजट भी जुमला ही निकला - मोहन मरकाम
02-Feb-2024 10:21 PM
अंतरिम बजट भी जुमला ही निकला - मोहन मरकाम

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

कोण्डागांव, 2 फरवरी। केंद्र की मोदी सरकार में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत किये गए अंतरिम बजट पर पूर्व मंत्री मोहन मरकाम ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते कहा कि कोई भी बजट अगर विकास के लिए नहीं है और कोई भी विकास अगर जनता के लिए नहीं है तो वो व्यर्थ है अपने इस ‘विदाई बजट’ में भी मोदी सरकार ने देश के किसानों, नौजवानों, महिलाओं करदाताओं और मध्यमवर्ग सहित किसी को कुछ भी नहीं दिया कहा।

मोदी की गारंटी हर साल 2 करोड़ युवाओं को रोजगार देने की गारंटी दी थी मोदीं जी ने जिसके हिसाब से 20 करोड़ युवाओ को रोजगार मिलना चहिये था लेकिन देश के करोड़ो युवा जो बेरोजगारी का दंश झेल रहे है उनके लिए इस बजट में कुछ नहीं है। बेरोजगारी के हाहाकार में देश के युवा तो अब रोजगार की उम्मीद भी छोड़ चुके हैं।

देश की कार्यशक्ति में महिलाओं की भागीदारी लगातार घटती जा रही है किसानों की आय दुगुनी करने की गारंटी दी थी लेकिन किसानों की आमदनी लगातार कम होती जा रही है और कर्ज का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है और लगातार किसानों की आत्महत्या की खबर आ रही है।

भाजपा की जुमला नीति से महंगाई की मार लगातार बढ़ती जा रही है। न गैस सिलेंडर के दाम कम हुए न खाद्य पदार्थों के दाम कम करने को लेकर कोई प्रयास इस बजट में नजर आया। परिवारों की बचत खाली होती जा रही है। अपना घर चलाने के लिए भी लोगो को जद्दोजहद करना पड़ रहा है।

आर्थिक तंगी का आलम यह है कि लोग अपनी बीमा पॉलिसी तक सरेंडर कर रहे हैं मगर पूंजीपति मित्रों का लाखों करोड़ों रुपए माफ करने और ‘कॉरपोरेट टैक्स’ में लगातार छूट देने वाली मोदी सरकार देश के आम लोगों की ‘जेब काटने’ और ‘झूठे जुमले’ सुनाने के अलावा कुछ भी नहीं कर रही है।

एक तरफ तो केंद्र की मोदी सरकार दावा करती है कि उन्होंने 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला है और दूसरी तरफ 80 करोड़ गरीबो को हर माह 5 किलो राशन दे रही है कहकर अपना पीठ थपथपाती रहती है ये सबसे बड़ा प्रमाण है केंद्र की मोदी सरकार की नाकामियों का और उस पर तुर्रा ये की इस बजट के दौरान उनकी सारी योजनाएं आगामी पांच वर्ष बाद फलीभूत होगी ये कहकर देश की जनता के बीच भ्रम की स्थिति निर्मित कर रही है।

दरअसल केंद्र की मोदी सरकार द्वारा पेश बजट पूरे देश मे भ्रम का मयाजल बिछाकर आगामी लोकसभा में येन केन प्रकरेण सत्ता हासिल करना है और जनता के हित जनता के विकास से इस बजट का कोई लेना देना नही है यही परिलक्षित कर रहा है लेकिन अब इस देश की जनता इनके मयाजल में फ़सने वाली नही है और इन्हें सत्ता से बाहर का राश्ता दिखाकर करारा जवाब देने का मन बना चुकी है

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