सुकमा
सुकमा, 2 फरवरी। नपाध्यक्ष जगन्नाथ राजू साहू ने जारी विज्ञप्ति में कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को देश के सामने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट पेश किया। चुनावी साल होने के कारण ये एक अंतरिम बजट था, बावजूद इसके लोगों को इस बजट से काफी सारी उम्मीदें थीं। आमतौर पर लोग किसी भी बजट के बाद जिन कुछ चीजों की तलाश सबसे ज्यादा करते हैं, उसमें से एक है कि क्या सस्ता हुआ और क्या महंगा?
इस बार के अंतरिम बजट में महिलाओं के लिए भी बजट का आकार बढ़ाया जा सकता था,खासकर कृषि क्षेत्र में तो महिलाओं के लिए भारी भरकम ऐलान किए जाने की जरूरत थी क्योंकि भारतीय महिलाएं दुनिया भर के कृषि श्रम में 43 फीसदी हिस्सेदारी रखती हैं बजाय इसके इन्हें सिफऱ् नारी सशक्तिकरण के नाम पर छला गया है।
राजू साहू ने जारी विज्ञप्ति में कहा कि बजट में वित्तीय प्रावधानों की गणना और लक्ष्यों के बेहतर निर्धारण,रोजगार के लिए सजीव प्रोग्राम और नीतियों के बारे में अधिक उचित दृष्टिकोण की मांग,उद्योग और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता थी साथ ही व्यापारिक संरचना में सुधार के लिए कई कदमों की आवश्यकता थी।
किसानों की भलाई और कृषि सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए उपायों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए था,बजट में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में निवेश करने की आवश्यकता थी ताकि इन क्षेत्रों में गुणवत्ता को बढ़ावा मिल सके। लेकिन इन सभी समस्याओं पर ध्यान न देते हुए भाजपा की मोदी सरकार आमजनता के आशा आकांक्षाओं पर खरी उतरने में विफल साबित हुई।