बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 4 फरवरी। बलौदाबाजार गांवों को खुले में शौच मुक्त रखने के लिए जरूरतमंद को व्यक्तिगत शौचालय देने के साथ ही प्रत्येक ग्राम पंचायतों में सार्वजनिक शौचालय बनाया गया है। ग्राम पंचायतों में कागजों पर भले ही सार्वजनिक शौचालय का संचालन हो रहा हो, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। बलौदाबाजार विकासखंड क्षेत्र के अधिकतर गांवों में या तो सार्वजनिक शौचालय अधूरे पड़े हैं या फिर उनके ताले ही नहीं खुल रहे हैं। ऐसे में ग्रामीणों को अभी भी खुले में शौच के लिए जाना पड़ रहा है।
स्वच्छ भारत अभियान के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायतों में सार्वजनिक शौचालय का निर्माण करवाया गया है। जनपद पंचायत बलौदाबाजार क्षेत्र अंतर्गत के अधिकांश ग्राम पंचायतों में सार्वजनिक शौचालय में ताला लटका हुआ दिखाई दे रहा है। जिसका जीता जागता उदाहरण ग्राम पंचायत लाहोद सहित अधिकांश ग्राम पंचायतो में सार्वजनिक शौचालय में ताला लटके हुए देखने को मिला। यह शौचालय तीन योजना को मिलाकर बनाया गया है जिसमें स्वच्छ भारत अभियान मनरेगा और 15वें वित्त आयोग की राशि से निर्मित किया गया है। बताया जाता कि लाखों रुपए खर्च कर इन शौचालय का निर्माण कराया गया है, लेकिन अब तक इन सार्वजनिक शौचालय का उपयोग नहीं किया जा सका है और तो और शौचालय में ताला लटका हुआ है।
अब सवाल उठ रहा है कि ताला ही लगाना था तो आखिर शौचालय क्यों बनाया गया। स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायतो में सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कराया गया है। जिससे लोग खुले में शौच के लिए ना जाए और बाहर से आने वाले लोग भी सार्वजनिक शौचालय का उपयोग कर सके। किसी उद्देश्य से भारत सरकार ने सार्वजनिक शौचालय निर्माण करवाया गया है लेकिन लाखों रुपए खर्च कर बनाए गए शौचालय में ताला लटक रहा है। स्वच्छ भारत अभियान के तहत जिस उद्देश्य से सार्वजनिक शौचालय का निर्माण हुआ है वह विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों के उदासीनता और लापरवाही के चलते साकार नहीं हो पा रहा है। शौचालय में ताला लटकने से स्थानीय लोगों को खुले में शौच के लिए जाना पड़ रहा है।
ग्राम बरदा के सरपंच अनिल खुंटे का कहना है कि शौचालय निर्माण का कार्य अधूरा है, काम चल रहा है जल्द ही पूरा हो जायेगा। जिनके यहां शौचालय नहीं है, वह खुले में शौच जाते है।
बेगसिंह राजपूत का कहना है कि हमारे यहां शौचालय को बने हुए 4 माह से अधिक हो गया है। अभी तक चालू नहीं हुआ है। गांव के ग्रामीण खुले में शौच जाते है।
ग्राम पंचायत बगबुड़ा के सरपंच शिवप्रसाद पैकरा का कहना है कि शौचालय बने हुए एक साल से ज्यादा का समय हो गया है, जिनके घर में व्यक्तिगत शौचालय बना है वह घर में ही शौच जाते है। शौचालय खोले जाने के संबंध में अभी तक आदेश नहीं आया है। ग्राम पंचायत कारी के सरपंच नरेन्द्र कुमार डहरिया का कहना है कि शौचालय बने हुए करीब दो से अधिक हो गया है।
हैंड ओवर नहीं हुआ है, और न ही इसके संबंध में किसी प्रकार का आदेश आया है, लोग अपने-अपने घरों में बनाए शौचालय में शौच जाते है। ग्राम पंचायत लाहोद के सचिव होरीलाल साहू ने कहा कि कोई भी कार्यक्रम होता है तभी खुलता है।
इस संबंध में जनपद पंचायत बलौदाबाजार के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एम एल मंडावी ने कहा कि समीक्षा चल रहा है जल्दी ठीक हो जाएगा।