बिलासपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
करगीरोड (कोटा), 6 फरवरी। कोटा मानिकपुरी समाज के महंत श्री फागूदास साहेब का शुक्रवार को मृत्युपरांत समाज के प्रमुख एवं परिवारजनों की उपस्थिति में कदम फाउंडेशन के प्रयास से नेत्रदान हुआ।
महंत साहेब का जन्म कोटा के समीप ग्राम कोरीपारा में हुआ था, वे अपने घर में सबसे बड़े थे। जिसके कारण परिवार का सारा बोझ उनके कंधे पर था और वे जीविकोपार्जन के लिए कोटा आ गए। वे बचपन से ही समाज सेवा के कार्य में तत्पर थे। दामाखेड़ा में गृंधमुनिनाम साहेब से 35 वर्ष की उम्र में उन्होंने दीक्षा प्राप्त की एवं गद्दी पर आसीन हुए। तब से वे अनवरत पंथ प्रसार सत्संग कर आसपास से लेकर अन्य राज्यों में भी समाज सेवा में समर्पित रहे। वर्तमान में डी.के.पी स्कूल के पास वार्ड नंबर 2 में स्वयं के निज भवन में निवासरत थे। उनका 2 - 3 दिनों से स्वास्थ्य ठीक नहीं थी, शुक्रवार को सुबह 5 बजे उनका निधन हो गया।
कदम फाउंडेशन के सदस्य विश्वनाथ गुप्ता , दिलीप गुप्ता एवं चंद्रशेखर गुप्ता ने परिवारजनों एवं समाज के अध्यक्ष भरत दास मानिकपुरी से संपर्क किया। वहां उपस्थित समाज के सभी लोगों ने इस पुनीत कार्य के लिए अपनी सहमति प्रदान की तत्पश्चात फाउंडेशन की टीम ने अपने बिलासपुर की टीम सुनील आडवाणी जो की इस फाउंडेशन के संस्थापक हैं एवं धर्मेंद्र देवांगन, जो की सिम्स के नेत्र विभाग में कार्यरत हैं। उनसे संपर्क साधा और बिलासपुर टीम को अतिशीघ्र कोटा पहुंचने कहा।
ज्ञात हो कि नेत्रदान की प्रक्रिया 6-8 घंटे के अंदर हो जाना चाहिए। अत: समय रहते बिलासपुर सिम्स की टीम ने कोटा पहुंचकर मृत शरीर की आंखों से स्वस्थ कार्निया को रिमूव किया। कॉर्निया दान पश्चात फाउंडेशन के सदस्य विश्वनाथ गुप्ता ने वहां उपस्थित परिजनों एवं समाज के अन्य लोगों को कॉर्निया दान के विषय में संपूर्ण जानकारी दी एवं लोगों की भ्रांतियों को भी दूर किया कि नेत्रदान में सिर्फ कॉर्निया का ही दान किया जाता है संपूर्ण आंख का नहीं।
समाज के सभी प्रमुख जनों एवं परिजनों को इस पुनीत कार्य में अपनी सहभागिता देने के लिए आभार भी व्यक्त किया। साथ ही साथ समाज के सभी लोगों ने भी फाउंडेशन के सभी सदस्यों को इस नेक कार्य के लिए शुभकामनाएं दी और आश्वस्त भी किया कि मानिकपुरी समाज इस पुनीत कार्य में कदम के साथ कदम मिलाकर चलेगी।
ज्ञात हो कि कोटा में यह 11वां नेत्रदान था। इस कार्य के लिए फाउंडेशन को नगर पंचायत कोटा द्वारा गणतंत्र दिवस समारोह में लगातार दो बार सम्मानित भी किया जा चुका है। इस नेत्रदान में पवन आडवाणी का विशेष योगदान रहा।