कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 13 फरवरी। कोण्डागांव जिले में मक्के की खेती के लिए अनुकुल जलवायु उपलब्ध होने के कारण जिले में वृहद स्तर पर मक्के का उत्पादन किया जाता है। मक्के की फसल को शासन द्वारा प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न प्रयास समय-समय पर शासन द्वारा किये जाते रहे हैं। जिसका परिणाम है कि मक्के की फसल के क्षेत्राच्छादन में लगातार वृद्धि हुई है। जहां कोण्डागांव जिले में कुल 295526 हेक्टेयर रकबे में खेती की जाती है। जिसमें अब 51185 हेक्टेयर क्षेत्रफल में मक्के की खेती की जा रही है।
जिसके तहत खरीफ एवं रबी दोनों मौसम में मक्का फसल के क्षेत्रफल में खासी वृद्धि देखी जा रही है। विगत तीन वर्षों के आकड़ों के अनुसार वर्षवार निरन्तर मक्के के रकबे में वृद्धि हो रही है। जहां वर्ष 2021-22 में मक्के का कुल रकबा 45750 हेक्टेयर था। वह 2022-23 में 49115 हेक्टेयर तथा 2023-24 में यह बढक़र 51185 हेक्टेयर हो गया है। जिसमें हर वर्ष वृद्धि हो रही है। मक्का फसल के क्षेत्र विस्तार में वृद्धि के मुख्यकारण कोण्डागांव जिला में मक्का फसल के लिए उपयुक्त जलवायु एवं मृदा के साथ आधारभूत संरचना जैसे सडक़, बिजली, पानी की सुविधाओं में वृद्धि भी है। किसान अब अपनी फसलों को विपणन के लिए उपयुक्त मण्डियों तक सरलता से पहुंचा पा रहे है।
शासन द्वारा मक्के के किसानों को सहायता देने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मक्के की खरीदी भी की जाती है ताकि कृषकों को अपना उपज उचित मूल्य मिल सके। इसके साथ ही कृषकों की आर्थिक उन्नति कृषकों को उन्नत किस्मों के बीज भी उपलब्ध कराये जाते है। इसके अलावा मक्का के स्थानीय प्रसंस्करण हेतु जिले में मक्के से एथेनॉल बनाने का प्लांट का भी निर्माण किया जा रहा है। जिससे किसानों में अपनी फसल के उचित प्रतिफल मिलने हेतु आश्वासन मिला है। जिससे किसानों में मक्के के फसल के प्रति उत्साह भी बढ़ा है।