बिलासपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 14 फरवरी। करंट लगने से युवक की मौत के मामले में हाईकोर्ट ने विद्युत वितरण कंपनी को 10.78 लख रुपए मुआवजा देने का आदेश पारित किया है। निचली अदालत ने परिजनों की याचिका खारिज कर दी थी।
बलौदा बाजार के मजदूर हेमंत ध्रुव 22 फरवरी 2014 को करंट की चपेट में आ गया था। घटना की रात आंधी पानी के कारण बिजली के खंबे गिर गए थे और जमीन पर गिरे तार से करंट दौड़ रहा था। घायल युवक को अस्पताल ले जाया गया था जहां कुछ दिन बाद उसकी मौत हो गई। दुर्घटना के करीब 5 साल बाद परिजनों ने जिला कोर्ट में 25 लाख रुपए मुआवजे की मांग करते हुए केस दायर किया। निचली अदालत में सुनवाई के दौरान बिजली विभाग ने तर्क दिया कि दुर्घटना मृतक की लापरवाही के कारण हुई। साथ ही मुआवजे के लिए निर्धारित तीन साल के भीतर याचिका नहीं लगाई गई है। अदालत ने परिजनों की याचिका खारिज कर दी।
इस आदेश के विरुद्ध उन्होंने हाई कोर्ट में अपील की। हाईकोर्ट में दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद जस्टिस गौतम भादुड़ी और राधाकृष्ण अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने विलंब से याचिका दायर करने के आधार पर दावा खारिज करने को गलत बताते हुए परिजनों को बतौर मुआवजा 10.78 लाख रुपए देने का आदेश दिया है।