सुकमा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 14 फरवरी। ग्राम पंचायत गोंगला के दिवान मुंडा में भाजपा जिला सुकमा के द्वारा गाँव चलो अभियान कार्यक्रम रखा गया था, जिसमे भाजपा के जिलाध्यक्ष धनी राम बारसे के नेतृत्व में गाँव चलो अभियान कार्यक्रम में ग्रामवासियों के साथ बैठ कर गांव चलो अभियान कार्यक्रम को सम्पन्न किया गया।
जिलाध्यक्ष धनी राम बारसे ने ग्रामवासियों को मोदी और विष्णुदेव की सरकार की कई सारे जनहित कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी और कहा कि मोदी गारंटी ही पूरी होने की गारंटी है।
बारसे ने महतारी वंदन योजना के बारे में कहा कि महतारी वंदन योजना छतीसगढ़ में माताओं एवं बहनों के लिए सबसे बड़ी योजना है, जिसमें पुरे छतीसगढ़ में 80 लाख से अधिक महिलाओं को प्रति वर्ष 12 हजार रूपए देने की घोषणा भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने की है और इसी प्रकार से आदिवासी भाई बहनो के लिए तेन्दुपत्ता 5500 रूपये प्रति मानक बोरा खरीदी का निर्णय विष्णु देव सरकार ने लिया है।
गांव चलो अभियान कार्यक्रम में बारसे ने कहा कि मोदी ने जो गारंटी दी है उसके अनुसार छतीसगढ़ मे 18 लाख से अधिक गरीब परिवारों का पक्का छत का सपना साकार होगा और विष्णु देव की सरकार ने छतीसगढ़ वासियों को अयोध्या में श्री रामलला की दर्शन कराने के लिए कैबिनेट में ऐतिहासिक निर्णय लिया है।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से भाजपा के जिलाध्यक्ष धनी राम बारसे, गोंगला के सरपंच आयता भुंगरी, झापरा के सरपंच जोगा बारसे, अनुसूचित जाति मोर्चा में जिलाध्यक्ष राजकुमार श्रीवाने, अनुसूचित मोर्चा जिला महामंत्री राजेन्द्र कुलदीप, सोशल मीडिया से प्रवीण बारसे एवं भाजपा के पदाधिकारी कार्यकर्ता और ग्राम पंचायत गोंगला दिवान मुंडा के सैकड़ों ग्रामवासी उपस्थित थे।
राजकुमार श्रीवाने ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार जब से केंद्र एवं राज्य में आई है, तब से अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति वर्ग को विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
राजकुमार श्रीवाने ने गाँव चलो अभियान कार्यक्रम में ग्रामवासियो को संबोधित करते हुए कहा कि छतीसगढ़ के आदिवासी भाई बहनों को तेन्दूपत्ता का 5500 रूपये मानक बोरा परिश्रमिक छतीसगढ़ की सरकार देगी और बाबा साहेब अम्बेडकर से जुड़े हुए छत्तीसगढ़ में पंच तीर्थ बनेंगे और छतीसगढ़ की सरकार ने आदिवासी सेनानियों के जनजाति संग्रहालय का निर्माण की घोषणा की है। राजकुमार श्रीवाने ने कहा कि जनजातियों के उपनामों में त्रुटियों का निराकरण कर उन्हें आदिवासी का दर्जा दिया।