सुकमा
नक्सल भय से अटक रहा टेंडर, ठेकेदार लेने से कतरा रहे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भोपालपटनम, 18 फरवरी। जिले में प्रधानमंत्री की महत्वपूर्ण योजना जल जीवन मिशन का कार्य कछुए के गति की चाल चलने लगा है टारगेट से ना के बराबर पांच प्रतिशत काम जिले में हुआ है।
जिले के चार ब्लॉकों में 563 आबाद गावो है जिनमे जल-जीवन मिशन योजना के तहत पांच सौ तिरसठ नल कनेक्शन लगाने के कार्य था। जिसमे से 377 गावो में कामो का आदेश जारी हुआ है। इन सभी गावो में हर घर पानी की योजना का कार्य बहुत ही धीमी गति से चल रहा है। चार सालों में जिले के आबाद गावो में हर घर तक नलो के जरिए पानी पहुचना था मगर ऐसा नही हुआ है। बीजापुर जिले के चार ब्लॉक में भोपालपटनम 128 उसूर 121 बीजापुर 95 भैरमगढ़ 219 गांवों में कनेक्शन लगने है। पांच सौ तिरसठ गावो में 27 गांव में पूर्ण रूप से नल जल योजना चालू हो चूंकि है। इस काम को 2020 में चालू किया गया था इसका टारगेट मार्च 2024 को पूर्ण करना था लेकिन यह नही हो सका है अब तक केवल पांच प्रतिशत ही काम हुआ है। कई गांवों में सोलर पम्प के माध्यम से घर तक पानी पहुंचाने की योजना केंद्र सरकार ने बनाई है मगर वह भी अधूरी है। क्रेडा विभाग को 1,7782.62 लाख सोलर पैनल के लिए दिए गए है। कार्यलय के जानकारी के अनुसार भोपालपटनम तीमेड इंद्रावती नदी से इन 17 गांवों में फिल्टर युक्त पानी पहुचाया जा रहा है जिसमे भोपालपटनम नगर पंचायत, अर्जुनली, मम्मिडग़ुड़ा, पेद्दामाटूर, चेरपल्ली, मोदकपल्ली, भट्टिगुड़ा, तिमेड़, रामपुराम, भट्टपल्ली, गुंलपेटा, उल्लूर, चन्दनगिरी, सांड्रापल्ली, गोल्लागुड़ा, चिल्लामरका, गोटाइगुड़ा, रुद्राराम शामिल है।
अरबो की लागत से चल रहा जल-जीवन मिशन का कार्य
इस योजना पर कार्य करने के लिए केंद्र सरकार बीजापुर जिले को करबो का बजट दिया है। इस योजना के अंतर्गत हर गांव हर घर तक नल लगाकर सुद्ध पेयजल उपलब्ध करना है इसके लिए केंद्र सरकार प्रयास कर रही है लेकिन जमीनी स्तर पर काम धीमा है।
अधिकतम गांव में सोलर पम्प के जरिए दिया जाएगा पानी
जिले के अधिकतम गांव में सोलर पम्प के माध्यम से पानी की आपूर्ति करनी है। इस कार्य मे भी लेटलतीफी है जिले में 1558 सौर ऊर्जा से पम्प म टारगेट है जिनमे अभी तक 384 पर ही काम हुआ है बाकी चार गुना से अधिक काम बचा हुआ है। इसके लिए 1782 लाख रुपये क्रेडा विभाग को दिए गए है।
नक्सल भय से अटक रहा टेंडर, ठेकेदार लेने से कतरा रहे
180 गांवो के लिए छ: से सात बार निविदा निकाली गई है। मगर इस कार्य को लेने कोई इछुक नही है नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने की वजह से यह कोई भी ठेकेदार रुचि नही दिखा रहे है। रोड की साइड वाले काम को ठेकेदार लेकर काम कर रहे है मगर अंदरूनी क्षेत्र टेंडर निकलकर निरस्त हो रहे है।