राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 22 फरवरी। युगांतर संगीत कला महाविद्यालय राजनांदगांव के परीक्षा केंद्र में एशिया प्रसिद्ध इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ द्वारा गायन, तबला एवं कत्थक नृत्य विषय की दो वर्षीय-प्रथमा, दो वर्षीय-मध्यमा एवं दो वर्षीय-विद डिप्लोमा की लिखित एवं प्रायोगिक परीक्षाएं सफलतापूर्वक संचालित हुई। वर्तमान परीक्षा सत्र 2023-24 के प्रायोगिक परीक्षा में विवि खैरागढ़ से आए परीक्षकों ने उल्लेखित विषय के आवश्यकतानुसार संगीत की बारीकियों का विवेचन किया।
परीक्षार्थियों ने भी संगीत को जीवन का सबसे महत्वपूर्ण अंग माना। उन्होंने जीवन में संगीत का महत्व एवं बारीकियों का अहसास कराते सभी जन को अनिवार्य रूप से संगीत शिक्षा ग्रहण करने प्रेरित किया। इस दौरान तबला में देवेश कुमार, गायन में ऋषभ मिस्त्री, कथक नृत्य परीक्षक, विशेषकर शोधार्थी विशाल ठाकुर शिमला ने अपने विशद ज्ञान से लगभग 80 परीक्षार्थियों को प्रभावित किया है। इन गतिविधियों को संचालित करने में संगीत शिक्षक गोपी प्रसाद पटेल, अक्षय केहरि, आकांक्षा चतुर्वेदी, नृत्य शिक्षिका अमीषा सोनी ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस अवसर पर युगांतर पब्लिक स्कूल के प्राचार्य अभिषेक खंडेलवाल ने बताया कि युगांतर संगीत-कला महाविद्यालय 2003 से सफलतापूर्वक संचालित किया जा रहा है। यह इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त केंद्र है। यह राजनांदगांव जिले के लिए गौरव की बात है। पूरे क्षेत्र में संगीत, गायन, तबला, नृत्यद्ध कला के विद्यार्थी यहां प्रारंभिक ज्ञान ग्रहण व विभिन्न डिप्लोमा प्राप्त करके अपना भविष्य सुनहरा बना रहे हैं।
संगीत की परीक्षाएं सफलतापूर्वक संचालित होने पर युगांतर के चेयरमैन विनोद सदानी, सेक्रेटरी विनय डड्ढा, कोषाध्यक्ष मिश्रीलाल गोलछा, निदेशक अकेडमिक्स सुशील कोठारी, प्रशासक सुरेंद्र भार्गव सहित युगांतर परिवार ने हर्ष प्रकट किया है।