रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 5 मार्च। राज्य पुलिस एवं परिवहन विभाग के प्रवर्तन अधिकारियों के लिये रोड सेफ्टी एण्ड इंफोर्समेंट कार्यशाला का आयोजन किया गया ।
इस मौके पर सत्येन्द्र गर्ग (आई.पी.एस 1987) ने दिल्ली में किये गये विशेष प्रयासो से सडक़ दुर्घटना मृत्यु दर में कमी के संबंध मे महत्वपूर्ण जानकारी दी। अंतर्विभागीय लीड एजेंसी (सडक़ सुरक्षा) छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष संजय शर्मा ने राज्य के सडक़ सुरक्षा परिदृश्य, शासन के विभिन्न विभागो द्वारा किये गये प्रयासो एवं भावी योजनाओ के बारे मे अवगत कराया। बताया कीकुल 13468 सडक़ दुर्घटनाओ मे 6166 व्यक्तियों कि मृत्यु पूर्व वर्ष की तुलना में वर्ष 2023 में सडक़ दुर्घटनाओं मे 1.4 प्रतिशत की वृद्वि तथा जनवरी 2023 की तुलना में जनवरी 2024 मे सडक़ दुर्घटना मे 9 प्रतिशत मृत्यु मे 07 प्रतिशत एवं घायलो मे 6 प्रतिशत की कमी हुई हैं।
देश में सडक़ दुर्घटना एवं मृत्यू में 12वें क्रम में है। रायपुर जिला दुर्घटना मृत्यु में पूरे देश में 8वे नम्बर पर है। शाम 05 से 09 बजे सर्वाधिक दुर्घटनाओ के कारण अधिक सावधानी की आवश्यकता हैं। शहरी क्षेत्रो मे 34 प्रतिशत एवं ग्रामीण क्षेत्रो मे 66 प्रतिशत दुर्घटना हो रही है। सर्वाधिक सडक़ दुर्घटना दुपहिया वाहन से हुई है, राज्य मे 06 ट्रामा सेंटर एवं 08 ट्रामा स्टेब्लाइजेशन सेंटर स्वीकृत हैं। डायल 112 द्वारा सडक़ दुर्घटना तथा मेडिकल एम्बुलेंस की लगभग साढ़े 5 लाख सुचनाओं मे त्वरित प्रतिक्रिया/सहायता दी गई। इस अवसर पर पूर्व उपायुक्त परिवहन विभाग दिल्ली अनिल चिकारा ने मोटर व्हीकल एक्ट सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स टेक्नो रिफार्म इन ट्रांसपोर्ट रिलेटेड टू रोड सेफ्टी विषय पर विस्तार से जानकारी दी।
अमित गुप्ता ज्वाइंट डायरेक्टर आई.टी.डी.आर. रायपुर ने इंस्टीट्यूट आफ ड्राइविंग एवं ट्रेफिक रिसर्च की कार्य प्रणाली के बारे मे बताया गया। साथ ही जानकारी दी कि लगभग 18 हजार ड्रायवरों तथा 700 ट्रेफिक पुलिस अधिकारियों का प्रशिक्षण संस्थान में दिया गया। आटोमेटेड ड्रायविंग टेस्टिंग ट्रेक तथा सिम्युलेटर से प्रभावी प्रशिक्षण उपरांत सडक़ दुर्घटनाओ में कमी लाई जा सकती हैं।