दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुम्हारी,10 मार्च। द.आई.सी.एफ.ए.आई विश्वविद्यालय की महिला शिकायत निवारण समिति द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में अतिथि व्याख्यान एवं तात्कालिक भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में शताब्दी सुबोध पांडे (राष्ट्रीय प्रमुख महिला सहकारिता, सहकर भारती) उपस्थित थीं।
उन्होंने विकसित भारत में महिलाओं की स्थिति एवं योगदान का उल्लेख कर बताया कि आज महिलाएं हमारे समाज में एक उन्नत शिखर पर अपना परचम लहरा रही हैं। वे आज देश में शिक्षा, चिकित्सा, सेना और राजनितिक क्षेत्र में भी अपना लोहा मनवा रहीं हैं, यहाँ तक कि चन्द्रयान जैसे मिशन में भी महिलाओं का योगदान नहीं भुलाया जा सकता।
आगे उन्होंने कहा कि किसी भी प्रगतिशील समाज और राष्ट्रीय के विकास की कल्पना महिलाओं के बिना अधूरी है। इसी तारतम्य में आयोजित तात्कालिक भाषण प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के विद्यार्थियो द्वारा महिलाओं के बहुमुखी स्वरूप का वर्णन, व्यावसायिक क्षेत्र में योगदान, महिला सशक्तिकरण जैसे विभिन्न विषयों पर अपने विचारों को विस्तार पूर्वक प्रस्तुत किया गया । इस प्रतियोगिता में विजयी छात्रों को मुख्य वक्ता कुलपति एवं कुलसचिव द्वारा पुरस्कृत किया गया एवं उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएँ भी दी गई।
द आई.सी.एफ.ए.आई. विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.पी दुबे ने कहा कि आज के विकसित भारत में महिलाएं आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो रहीं हैं जो महिला सशक्तिकरण एवं उनकी हर क्षेत्र में सशक्त उपस्थिति को प्रदर्शित करता है।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. मनीष उपाध्याय ने कहा कि आज की महिलाएं आत्मविश्वास से परिपूर्ण हैं। जिसका उदाहारण राजनीतिक गलियारों से लेकर सामाजिक क्षेत्रों एवं चन्द्रयान मिशन तक दिखाई देता है।
इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों द्वारा भी विकसित भारत में महिलाओं की भूमिका का वर्णन किया किया गया । इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के प्राध्यापकगण एवं छात्राएं उपस्थित थे। कार्यक्रम का आयोजन महिला शिकायत निवारण समिति की समन्वयक डॉ. आभा शुक्ला, अनिता पाण्डेय एवं सीमा द्वारा किया गया । कार्यक्रम का संचालन डॉ. जया सिंह ने किया ।