बिलासपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 12 मार्च। 540 करोड़ रुपए के कथित कोयला लेवी घोटाले में आरोपी भिलाई के कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव की अग्रिम जमानत अर्जी बिलासपुर हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विधायक देवेंद्र यादव के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। रायपुर की विशेष अदालत में यादव ने अपराध दर्ज होने के बाद अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी। वहां याचिका खारिज होने के बाद उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की बेंच ने पिछले 29 फरवरी को दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। विधायक की ओर से तर्क दिया गया था कि केवल एक अन्य आरोपी सूर्यकांत तिवारी को जानने की वजह से उन्हें आरोपी नहीं बनाया जा सकता। इसके अलावा डिजिटल डिवाइस को साक्ष्य के रूप में इस्तेमाल करने के लिए गृह सचिव की अनुमति आवश्यक है, जो नहीं ली गई है। ईडी के वकील का कहना था कि मनी लॉन्ड्रिंग से मिले पैसे का इस्तेमाल विधायक ने चुनाव लडऩे में किया। ईडी की ओर से इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी एक्ट की धारा 69 के तहत जारी नोटिफिकेशन को हाई कोर्ट में प्रस्तुत कर बताया गया था कि भारत की कुछ जांच एजेंसियों को अनुसंधान के लिए अलग से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है।
दोनों पक्षों के तर्कों के आधार पर जस्टिस व्यास की बेंच ने विधायक देवेंद्र यादव की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है।
ज्ञात हो कि कोयला लवी घोटाले में निलंबित आईएएस रानू साहू, समीर विश्नोई, खनिज संयुक्त संचालक एस एस नाग, कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी सहित नौ लोगों को पहले से ही ईडी गिरफ्तार कर चुकी है और सभी इस समय जेल में हैं।