राजनांदगांव

नांदगांव लोकसभा में सबसे बड़ी जीत का रिकार्ड अभिषेक के नाम
23-Mar-2024 2:36 PM
नांदगांव लोकसभा में सबसे बड़ी जीत का रिकार्ड अभिषेक के नाम

सबसे कम मतों से जीतने वाले प्रदीप गांधी

प्रदीप मेश्राम

राजनांदगांव, 23 मार्च (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र का इतिहास आंकड़ों के लिहाज से काफी रोचक रहा है। 1957 में अस्तित्व में आए इस संसदीय क्षेत्र में कई दिग्गजों को अनुमान से परे हार और जीत नसीब हुई। 

8 विधानसभा वाले इस संसदीय क्षेत्र में एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कांग्रेस प्रत्याशी की हैसियत से चुनाव लडऩे के कारण पूरे देश की निगाह सीट पर टिकी हुई है। 
1957 से लेकर 2019 तक हुए आम चुनाव में सर्वाधिक मतों से जीत का रिकार्ड अभिषेक सिंह के नाम दर्ज है, वहीं सबसे कम वोटों से विजयी होने का रिकार्ड भी भाजपा के प्रदीप गांधी के खाते में दर्ज है। वैसे पिछले 3 लोकसभा चुनाव में भाजपा का वोट प्रतिशत लगातार बढ़ता जा रहा है। 

2009 से 2019 के बीच हुए तीन चुनाव में भाजपा की जीत एक लाख से अधिक रही। भाजपा के पूर्व सांसद अभिषेक सिंह ने सर्वाधिक मतों से जीत का रिकार्ड आज पर्यन्त अपने नाम रखा है। 2014 के आम चुनाव में अभिषेक सिंह ने लगभग एकतरफा 2 लाख 35 हजार 911 वोटों से कांग्रेस प्रत्याशी कमलेश्वर वर्मा को धूल चटा दी थी। 

सबसे कम वोटों से जीतने वाले  पूर्व सांसद प्रदीप गांधी ने महज साल 2004 के लोकसभा के चुनाव में 14 हजार 323 वोटों से पूर्व सांसद स्व. देवव्रत सिंह को शिकस्त दी थी। 
2009 के चुनाव में भाजपा ने एक लाख वोटों से जीतकर सिलसिला शुरू किया। पूर्व सांसद मधुसूदन यादव ने देवव्रत सिंह को एक लाख 19 हजार 74 वोटों से शिकस्त दी। मौजूदा सांसद संतोष पांडे ने 2019 में कांग्रेस प्रत्याशी भोलाराम साहू को एक लाख 11 हजार 966 वोटों से पराजित किया। 

संसदीय क्षेत्र में पिछले 25 सालों से भाजपा का ही डंका बज रहा है। इस संसदीय क्षेत्र में सर्वाधिक तीन बार शिवेन्द्र बहादुर और दो बार मदन तिवारी के नाम सांसद निर्वाचित होने का भी एक रिकार्ड है। राजनीतिक तौर पर इस संसदीय क्षेत्र में अभिषेक सिंह ने बड़ी जीत हासिल कर एक रिकार्ड बनाया था। अब तक यह रिकार्ड अछूता है। माना जा रहा है कि मौजूदा सांसद संतोष पांडे मोदी लहर के जरिये इस रिकार्ड को तोडऩे की कोशिश में दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। 

राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र में अब तक 16 मर्तबा चुनाव हुए हैं। जिसमें कांग्रेस और भाजपा के बीच ही सीधा मुकाबला रहा है। 50 और 60 के दशक में लोकपाल दल और जनसंघ ने चुनाव में किस्मत आजमाई थी। 80 और 90 दशक के बीच भाजपा और कांग्रेस ही मुख्य प्रतिद्वंदी के रूप में सामने आए। आज पर्यन्त कांग्रेस और भाजपा ही एक-दूसरे के खिलाफ मुकाबला कर रहे हैं।  

रमन के नाम मंत्री बनने का रिकार्ड राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र में यह दिलचस्प संयोग है कि सर्वाधिक वोटों से चुनाव जीतने वाले अभिषेक सिंह के पिता पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नाम केंद्र में मंत्री बनने का इकलौता रिकार्ड दर्ज है। मोतीलाल वोरा जैसे कांग्रेस के दिग्गज नेता को 1999 के लोकसभा के चुनाव में शिकस्त देकर रमन सिंह अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री बने। संसदीय  रिकार्ड में रमन के नाम यह गौरव हासिल है। 

रमन सिंह ने ऐसे वक्त में मोतीलाल वोरा के खिलाफ ताल ठोंकी थी, जब वह 1998 के विस चुनाव में कवर्धा सीट से मात खा गए थे। भाजपा ने रमन पर वोरा के खिलाफ दांव खेला। अप्रत्याशित नतीजे में रमन ने वोरा को लगभग 26 हजार 715 मतों से पराजित किया।  इस जीत की वजह से रमन को केंद्र में मंत्री बनने का अवसर मिला।  राजनंादगांव संसदीय क्षेत्र में यह रिकार्ड आज तक रमन के नाम है।

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