राजनांदगांव
पूर्व जिलाध्यक्ष अलालीराम यादव की कोरोना से मौत होने पर भूपेश पर सुध नहीं लेने का आरोप
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 28 मार्च। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ गुरुवार को एक बार फिर सुरेन्द्र वैष्णव ने आरोप लगाते मुख्यमंत्रित्वकाल में लिए गए कदमों को लेकर आड़े हाथ लिया है। मीडिया से मुखातिब होते वैष्णव ने आरोप लगाया कि पूर्व सीएम एक अहंकारी कांग्रेसी नेता है। उन्होंने पूर्व जिलाध्यक्ष अलालीराम यादव की कोरोनाकाल में हुई मौत के बाद परिजनों की सुध नहीं लेने का आरोप लगाते कहा कि वह आधी लड़ाई जीत चुके हैं, अब संस्कारधानी की जनता को आधी लड़ाई लडऩी होगी।
उन्होंने कहा कि जिला पंचायत सदस्य के तौर पर उन्होंने भाजपा सरकार का विरोध किया था। जिसके कारण उन्हें जेल तक जाना पड़ा था। मुख्यमंत्री बनने के बाद बघेल से मिलना एक स्वप्न के जैसा था। उन्होंने राजनंादगांव की दुर्दशा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा कि सत्ता सरकार में रहते हुए बघेल को कभी कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों की याद नहीं आई, चूंकि वह सत्ता के नशे में मदमस्त थे।
उन्होंने अपने लिए सुरक्षा लेने के निर्णय पर कहा कि बघेल भय और आतंक की राजनीति करते हैं, इसलिए उन्हें और उनके परिवार को सुरक्षा की आवश्यकता महसूस हुई। वैष्णव ने कहा कि राजनांदगांव की जनता बघेल से सवाल पूछ रही है कि चुनाव जीतने के बाद लोकसभा में बने रहेंगे या फिर विधानसभा जाएंगे। उन्होंने बघेल से सवाल किया कि विधानसभा की सीट छोडऩे की स्थिति में क्या वह राजनांदगांव जिले के किसी नेता को चुनाव लडऩे का मौका देंगे या आपके परिवार के सदस्य चुनाव लड़ेंगे।
वैष्णव ने कहा कि छत्तीसगढ़ की भोली-भाली जनता से किए गए वादे बघेल निभा नहीं पाए, इसलिए कांग्रेस प्रदेश में फिसल गई। वैष्णव ने बघेल को खुला चैलेंज देते कहा कि उनके द्वारा कही गई बातें प्रमाणित है। चाहे तो बघेल चौक-चौराहे में डिबेट कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर वह हार गए तो राजनांदगांव जिला छोड़ देंगे और यदि बघेल जवाब नहीं दे पाए तो उन्हें चुनावी मैदान से हटना होगा। वैष्णव ने कई और विषय पर अपनी बात रखी।