महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
पिथौरा, 8 अप्रैल। समीप के बारनवापारा अभ्यारण्य के क्षेत्र में एक बाघ के कथित रूप से देखे जाने के बाद बार क्षेत्र के वन ग्रामों के लिए जाती सडक़ों को वन विभाग द्वारा काटे जाने से परेशान ग्रामीणों ने बारनवापारा पहुंचे कलेक्टर बलौदाबाजार से प्रत्यक्ष मुलाकात कर विभाग द्वारा ग्रामीणों को परेशान करने की शिकायत की। जिस पर कलेक्टर ने ग्रामीणों को समस्या का समाधान किया। बार क्षेत्र के ग्रामीणों के साथ जय सिंघा ध्रुवा सेवा समिति एवं सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधि मंडल ने जिला कलेक्टर से बार मुख्यालय में मुलाकात कऱ सिंघा ध्रुर्वा सेवा समिति द्वारा आयोजित चैत्र नवरात्र पर चर्चा की।
समिति के सदस्य संतोष कुमार ठाकुर ने बताया कि बलौदा बाजार के कलेक्टर के. एल. चौहान, जिला पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार, जिला वनमंडल अधिकारी मयंक अग्रवाल, जिला पंचायत सीईओ दिव्या अग्रवाल,सहायक वन संरक्षक आनंद कूदरिया से मुलाकात कर कहा कि चैत्र नवरात्रि 9 से 17 अप्रैल तक आयोजित की जा रही है।इसमें जय चांदा दाई प्राचीन गोंड गुफा शक्ति स्थल मे परम्परागत रूप से अखंड ज्योति जलाकर गोंडी रीति नीति से पूजा अर्चना की जाएगी एवं सिंघा ध्रुर्वा सेवा समिति के संयुक्त तत्वावधान मे गोंडवाना की ऐतिहासिक धरोवर तथा धार्मिक आस्था का केंद्र, जहां पर गोंडी रीति,नीति संस्कृति आधारित पूजा अर्चना करते आ रहे हैं, शक्ति स्थल में छत्तीसगढ़ राज्य के साथ साथ अन्य राज्य ओडिशा महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश के श्रद्धालु अपनी मनोकामना ज्योति व आस्था प्रकट कऱ सेवा अर्जी देते हैं, जिसके संबध में पारम्परिक धार्मिक आस्था को बनाये रखने हेतु जिला प्रशासन एवं वन विभाग के उच्च अधिकारियों से विशेष सहयोग करने हेतु अध्यक्ष द्वारा चर्चा की गयी।
कलेक्टर के. एल. चौहान द्वारा कथित तौर पर बारनवापारा क्षेत्र मे अचानक बाघ के प्रवेश पर सुरक्षा की दृष्टिकोण से सावधानी बरतने की बात कहते हुए जिला के अधिकारियों को निर्देशित किया कि नवरात्रि के अवसर पर ऐतिहासिक मंदिर एवं गुफा में 20 20 कर श्रद्धालु जाएंगे। इनके साथ वन विभाग का सुरक्षा दस्ता भी रहेगा।
कलेक्टर के निर्देश के बाद अब क्षेत्र के ग्रामीण अपनी कुलदेवी का दर्शन करने एवं ज्योति प्रज्ज्वलित करने जा सकेंगे। ज्ञात हो कि वन विभाग द्वारा बाघ की कथित उपस्थिति के कारण जंगल के अधिकांश मार्ग जेसीबी से खोद कर बन्द कर दिए है जिससे ग्रामीण खासे परेशान एवं आक्रोशित है।
इस अवसर पर जय सिंघा ध्रुर्वा सेवा समिति के अध्यक्ष मंगतू राम जगत, छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष कमलेश ध्रुव, जिला उपाध्यक्ष भानु ध्रुव, मनोहर मंडावी, जिला सचिव थानू ध्रुव सेवा समिति के सदस्य बसंत छेदइहा, आनंद कोर्राम,केशव कुंजाम, लाभो नेताम, डोमेश्वर मरकाम,रूप सिंग साहू , महेंद्र जगत, सोमप्रकाश सिन्हा , रामचंद नेताम संतोष ठाकुर, शिव दयाल, भूषण कोर्राम प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
आखिर बाघ को किससे खतरा—संतोष
वन ग्राम के संतोष कुमार ने वन विभाग से सवाल पूछा है कि आखिर जंगल मे यदि सच में बाघ है भी तो उसे आखिर किससे खतरा है। वन ग्रामों में अधिकांश आदिवासी समुदाय के लोग ही रहते हैं, जो पेड़ पौधों एवम वन्य प्राणियों को भगवान मानते हंै और उसकी रक्षा भी करते हैं।फिर आखिर विभाग बाघ को लेकर इतना परेशान क्यों है। यदि सच में बाघ आया है तो ये बार अभ्यारण्य के लिए खुशी की बात है। इसके लिए वन विभाग को उसके पीछे पडक़र आम ग्रामीणों को परेशान करने की बजाय उस पर नजर रखनी चाहिए।